सौभाग्यवती बनी रहो – अर्चना खंडेलवाल  : Moral Stories in Hindi

“मम्मी, मुझसे ये रोज-रोज साड़ी नहीं बंधती है, पर मम्मी जी की जिद है कि जब तक दादी जी गांव नहीं चली जाती, मुझे साड़ी पहननी है, ये भी कोई बात हुई, मम्मी जी भी ना कितने पुराने विचारों की है, मुझे तो लगा था कि मुझे मॉर्डन सास मिली है, नव्या शिकायती लहजे में … Read more

अखंड सौभाग्यवती भव… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

मीरा ने अपना बचपन नानी की गोद और ममहर की गलियों में ही बिताया था…  पापा के गुजर जाने के बाद… मां नन्ही मीरा को लेकर अपने मायके ही आ गई थी…  उसके बाद से मीरा के लिए वही घर अपना घर… बस वही लोग अपने लोग… हो गए थे…  नानी मां ने… कभी भी … Read more

आखिरी श्रृंगार – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज राधा जी की पहली पुण्यतिथि पर पूरा परिवार, घर नाते रिश्तेदार बच्चे सब एकत्रित हैं। चौकी पर रखी श्रीमती राधा सुबोध गर्ग जी की मुस्कुराती हुई फोटो देखकर ऐसा लग रहा है मानो अभी बोल पड़ेंगी। वही राधा जी की तस्वीर के पास उनके पति सुबोध जी बैठे हैं और नीचे की तरफ शून्य … Read more

सौभाग्यवती – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

सुमन दी नही रही.. ये मनहूस खबर पड़ोस में रहने वाली भाभी ने दी.. और साथ में ये भी कहा मृणाल कल आएगा मुखाग्नि देने ..इसलिए मृत शरीर को अस्पताल में हीं रखा गया है….. पति धर्म पूरा करने आएगा मृणाल…तथाकथित समाज की बुजुर्ग महिलाओं के अनुसार सुमन #सौभाग्यवती #है जो पति के कंधे पर … Read more

अखंड सौभाग्यवती रहो – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 पति नारायण और पत्नी पदमा। दोनों सरल हृदय, निस्वार्थी, परोपकारी और मधुर व्यवहारवाले थे।उनका इकलौता पुत्र राघव बिल्कुल उन्ही पर गया था।   नारायण और पदमा दोनों को जब भी मौका मिलता, दूसरों की मदद करते, कभी गरीबों को भोजन करवाते कभी गरीब लड़कियों के विवाह में सहायता करते तो कभी किसी को मुफ्त में दवाइयां … Read more

स्वयंसिद्धा – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

विवाह की रौनक पूरे घर से छलकी पड़ रही थी। पूरा घर रिश्तेदारों से भरा पड़ा था। उत्सव का सा वातावरण हो आया था। वंदिता जी का उत्साह तो देखते ही बन रहा था, उनकी इकलौती बिटिया दुल्हन बनने जा रही थी। इस दिन को देखने के लिए उनके नयन न जाने कब से तरसे … Read more

सौभाग्यवती – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

।आज सुबह सुबह ही  मालूम हुआ कि काकी चली गई ।मन बहुत उदास हो गया ।काकी का सबके लिए, हर पर्व त्योहार, जन्म दिन, विवाह की वर्षगांठ पर रटा रटाया आशीर्वाद रहता-” सौभाग्य वती भव” चाहे अपना हो या पराया ।काकी ने कभी किसी से भेदभाव नहीं किया ।वह थी तो उड़िया ,लेकिन कोशिश करके … Read more

नाम में जो रखा है! – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

रिद्धि  को ससुराल आते ही सासू मां ने पहली बात समझाई वो यही थी कि  अपने पति का नाम नहीं लेना है.. मतलब उनको, उनके नाम से नहीं बुलाना है ?? और जरूरत  भी ऐसी ही तुरंत पड़ गई रिद्धि ,इस घर की नई बहू, जिसे अभी इस घर में आए जुम्मा जुम्मा चार दिन … Read more

पूर्णमासी की रजनी – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

अरे तेजू ये क्या तेरी बिटिया है?       हां, बाबूजी मैं बापू की बिटिया ही हूँ।बापू आज घर पर ही खाने का टिफिन भूल बआये थे,इसीलिए मैं टिफिन ले आयी।      अच्छा किया बेटा।तुम तो पढ़ी लिखी लगती हो?      हां,बाबूजी पढ़ी लिखी तो हूँ,इंटर पास किया है,मैंने, आगे भी पढ़ना चाहती थी,पर पढ़ न सकी,बी.ए. प्राईवेट करूँगी। … Read more

सौभाग्यवती – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

संध्या बेटा.. अभी थोड़ी देर तुम कमरे में ही रहना तेरी भाभी देहरी पूज कर अपने भाई के साथ भाई की शादी में जा रही है मैं नहीं चाहती उस समय तुम सामने आओ, तुम्हें तो पता है ना ऐसे शुभ मौके पर तुम्हारा आना अब उचित नहीं है हालांकि यह बात कहते हुए मां … Read more

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