“अपनापन” – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi
कालिंदी काकी की टोकरी लाल, नीली, पीली, आसमानी और हरी चूड़ियों से भारी पड़ी थी और जल्दी-जल्दी सर पर टोकरी रख वह कहीं जा रही थीं कि– तभी एक आवाज आई– अरे काकी—-कहां भागी जा रही हो—? हमें नहीं पहनाओगी चूड़ियां–! देखी तो वैजयंती उनके पीछे-पीछे भागे आ रही थी । अरे बिटिया– अभी मैं … Read more