अब भी मैं अपनी नहीं – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

मालती पिछले तीस सालों से ससुराल में अपनी जिम्मेदारियां निभाती आ रही थी।वह लगभग भूल चुकी थी कि यह उसकी ससुराल है।ननदों की शादी, लकवाग्रस्त ससुर की दस साल सेवा,पति और बच्चों की देखभाल करते-करते बहुत साल गुज़र गए।ख़ुद उसकी उम्र पचास पार कर चुकी थी। सास -ससुर को अकेले छोड़कर पति और बच्चों के … Read more

अंतिम सांस – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

आज सुबह से ही घर में बहुत ही कलह पूर्ण वातावरण बना हुआ है। सिया का सर बहुत भारी हो रहा था। मन में बहुत से  वैचारिक उतार-चढ़ाव चल रहे थे।  15 वर्ष पूर्व सिया का अंतर्जातीय प्रेम विवाह हुआ था यश के साथ।   यश और सिया दोनों ही जानते थे कि इस विवाह को … Read more

दहेज भी लाई पर ना पति से प्यार पाया ना ससुराल में अपनाया । – रेनू आनंद : Moral Stories in Hindi

जिया की अभी अभी ही कॉलेज की पढ़ाई पूरी हुई थी पढ़ने में काफी होशियार और घर के काम में निपुण सावंली सी लड़की जिसके पापा सरकारी पद पर कार्यरत है मां – जिया जाओ तैयार हो जाओ  तुम्हारे लिए एक रिश्ता आया है लड़के वाले तुम्हें आज ही देखने आ रहे हैं  जिया – … Read more

सासू माँ आप मुझे बेटी बनाकर लायी थीं लेकिन बहू का हक भी नहीं दिया – खुशी प्रजापति : Moral Stories in Hindi

सुमन हर कार्य में निपुण लड़की थी। वह सुन्दर एवं सुशील थी। वह खेती से लेकर रसोई तक का सारा काम करना जानती थी। उसे बचपन से ही ऊँचे ख्वाव देखना पसन्द था,  लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण वह उन्हें पूरा न कर सकी। उसकी उम्र अब 19 वर्ष की हो गई थी। घरवालों ने … Read more

सासू मां आप मुझे बेटी बनाकर लाई थी और बहू का हक भी नहीं दिया – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

बहू आज दोपहर के खाने में राजमा चावल , भरवा बैंगन और , खीरे का रायता बना लेना और मीठे में खीर हो जाएगी, दूध तुम्हारे ससुर जी से मैंने मंगा लिया था वो फ्रिज में रखा है। उसमें उबाल लगा लो और खीर के लिए चावल भी भिगो दो। क्यों मम्मी जी आज कोई … Read more

बेटी कह देने से बहू बेटी नहीं हो जाती। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मानसी, ये दूध का गिलास निधि के कमरे में दे आ, उसकी परीक्षाएं चल रही है, दूध पीयेंगी तो पढ़ने में भी मन लगेगा, अपनी सास आरती जी की बात सुनकर मानसी अपना खाना छोड़कर पहले दूध देकर आ गई, वो अपने खाने की थाली से दोबारा खाने लगी थी कि आरती जी बुदबुदाने लगी, … Read more

सासू मां आप मुझे बेटी बनाकर लाई थी पर आपने मुझे बहू का भी अधिकार नहीं दिया – डॉ कंचन शुक्ला Moral Stories in Hindi

अलार्म  की आवाज सुनकर मेनका की आंख खुल गई इस समय सुबह के 5 बजे थे उसका उठने का मन नहीं कर रहा था उसे कल रात सोने में बहुत देर हो गई थी ननद ने अपने बेटे का जन्मदिन यहीं अपने मायके में बनाया था केक से लेकर खाने का सभी सामान घर में … Read more

सासु माँ आप मुझे बेटी बनाकर लाई थीं लेकिन बहू का दर्जा भी नहीं दिया – के कामेश्वरी Moral Stories in Hindi

गौरीशंकर जी बैठक में बैठकर पेपर पढ़ रहे थे कि पत्नी सुगुणा चाय लेकर आई और उनके पास बैठकर कहने लगी कि देखिए ना कहने को तो दो बहुएँ हैं परंतु सारे काम मुझ अकेली को ही करने पड़ते हैं । छोटी बहू विद्या तो शादी होते ही अलग शहर में विजय की नौकरी के … Read more

बंद आंखों से बहते आंसू – बालेश्वर गुप्ता Moral Stories in Hindi

हतप्रभ सी यशोदा कभी तो अपने बेटे राजू की ओर तो कभी उसके साथ आयी सोनी को देख रही थी।वे उससे आशीर्वाद मांग रहे थे,पर यशोदा तो मानो पथ्थर की हो गयी थी।        राजू और सोनी की मुलाकात ऐसे ही अचानक राजू के आफिस में ही हो गयी थी।सोनी नगर के उद्योग पति सेठ हीरालाल … Read more

मकड़जाल – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“कब तक ऐसे दरवाजे पर ताकती रहेंगी मालकिन?खाना खाकर सो जाइए,आपकी तबियत खराब हो जायेगी,सुमित बाबा आ जायेंगे, रूमा भाभी जाग रही हैं ,वो देख लेंगी।” राधा ने कहा तो मालती चौंकी। “नहीं…आजतक मैंने उससे पहले खाया है जो आज खाऊंगी? तू खा ले और सो जा, रूमा खाना लगा लेगी उसके आने पर।” तभी … Read more

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