परिवार और बच्चों के आगे तुम ख़ुद को भूल गई हो – रश्मि सिंह  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : देवांश-गीता कभी ख़ुद को आईने में देखा है, 30 की हो पर लगती 50 से कम नहीं। दिन भर बस बच्चों और मेरी हर चीज़ का ध्यान रखना। नाश्ता करोगी तो लंच नहीं, लंच किया तो डिनर नहीं। वेट भी इतना कम हो गया है।  गीता-आप क्या जानो, मेरे जैसे … Read more

एक आवारा ऐसा भी –  बालेश्वर गुप्ता  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : और किसी का नही तो कम से कम अपने परिवार की इज्जत का तो ख्याल रख ले,समझ नही आता समाज मे क्या कहे? ऐसा आवारा हमारे भाग्य में ही लिखा था।सुना है नशा भी करने लगे हो?         कुछ इसी प्रकार की बात लगभग रोज ही होती।पर दूसरी ओर से कोई … Read more

उसमें जरा भी संस्कार नहीं है…-रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : ‘‘पृथा मुझे दो दिनों के लिए कलकता जाना है….ऑफिस की एक मीटिंग अटेंड करने….सोच रहा था तुम लोगों को भी लेता चलूँ…..तुम्हारे बड़े भाई साहब भी बार बार बुलाते रहते हैं तुम लोगों को ….तो चलो इस बार घूम ही लो।” कार्तिक ने कहा ‘‘ सच्ची!! वाह मैं कभी कलकत्ता … Read more

छोटी बहु की मां ने उसे कुछ संस्कार नहीं दिए !! (भाग 2)- स्वाति जैन : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : शिप्रा और रीत एक दूसरे के सामने देखकर मुंह बिगाड़ने लगी , शिप्रा रीत को धीरे से बोली इसको तो कोई लाज शर्म भी नहीं हैं देखोना , वर्ना इतनी सीरीयस बात पर भी इसको सब्जी कौन सी बनी हैं इसकी पडी हैं !! रीत बोली भाभी , यह जान … Read more

छोटी बहु की मां ने उसे कुछ संस्कार नहीं दिए !! (भाग 1) – स्वाति जैन : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : आ गई महारानी नौकरी करके , नौकरी करके चार पैसे क्या कमाती हैं ?? रसोई में देरी से आती हैं , हम दोनों हैं ना इसकी नौकरानी जो इसको गर्म गर्म खाना बनाकर देंगी , इसने तो हम लोगों को नौकरानी ही समझ कर रखा हैं तभी तो आकर अपने … Read more

पूत कपूत तो क्या धन संचै?,पूत सपूत तो क्या धन संचै! –  पूर्णिमा सोनी: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “विमला काम पूरा हो गया हो तो,चल चाय बना लो, यहीं बाहर लेकर आ जाना ”  सुशीला जी ने आवाज देते हुए विमला से कहा। # बस लाई दीदी”, दरअसल चाय तो उसने आंगन की धुलाई करते समय ही धीमी आंच पर चढ़ा दिया था। ये रोज का ही काम … Read more

कहानी हर एक औरत की – रुचि पंत : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बिना मंजिल बिखरते आंसुओ को सम्भाल सुलक्षणा अपना चोटिल चेहरा औरों की नजरों से छुपाकर, गुजरती हुई एक बस में जा चढ़ी। उसे कोई शौक नही था, अपनी शादीशुदा जिंदगी समाप्त कर ससुराल से रातोंरात भाग खड़ा होना, जहा उसके मायके सामान पैसे, रुतबे, ऐशोआराम जरूर से ज्यादा मात्रा में … Read more

संस्कारहीन – उमा वर्मा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : भैया का फोन आया है, राधा काकी नहीं रही ” यह कब और कैसे हुआ ” मेरे लगातार सवाल से भैया भी हड़बड़ा गये।” अरे कुछ नहीं, बीमार तो थी ही बहुत दिनों से ।एक रात सोयी तो उठी ही नहीं ” मन में मैंने सोचा, ठीक ही हुआ ।जाना … Read more

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