अहमियत – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“मम्मीजी,आज फ्रेंडशिप डे पर हम सभी फ्रेंड्स का मूवी और डिनर का प्रोग्राम है। मैं जाऊॅं ना? स्नेहा ने आशा भरी नजरों से मालती जी की ओर देखते हुए पूछा। “कबतक आ जाओगी?” “जी, रात में 9:30 बजे तक आ जाऊॅंगी।” “इतनी देर रात तक अकेले बाहर रहना घर की बहू-बेटियों को शोभा नहीं देता। … Read more

आजादी – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

मिहिर दो  भाई एवं एक बड़ी बहन से छोटा होने के कारण वह सबका लडला था  खासतौर से दादी के तो उसमें प्राण बसते थे।सो ज्यादा  लाड प्यार पाकर वह कुछ जिद्दी हो गया। अपने मन की करता किसी  की नहीं सुनता। पाढ लिख गया एक अच्छी में एम एन सी मैं साफ्टवेयर इंजिनीयर की … Read more

पारिजात – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

आज सुदर्शना की मां का फिर फोन आया”,सुन बेटा,तू जितनी जल्दी हो सके,आ जा।तेरे भाई की तबीयत बहुत खराब है। हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ेगा।मुझे साथ रहना पड़ेगा।तू रहेगी तो दोनों छोटी बहनों को सहूलियत हो जाएगी।”सुदर्शना असमंजस में पड़ गई।कल से तो कुशल और पीहू की अर्धवार्षिक परीक्षा भी शुरू होने वाली है।स्कूल से … Read more

परिवार- छोटा या बड़ा – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

निम्मी , यार हद कर दी तुमने भी , कल पूरा हफ़्ता हो जाएगा जब लड़के वालों का जवाब आ गया था कि आगे का कार्यक्रम बनाएँ । आख़िर….अब क्या समस्या है? मैं सच्ची कह रही हूँ कि ऐसा घर और वर कभी नहीं मिलेगा । वे तो मम्मी जी की रिश्तेदारी की शर्म करके … Read more

साथ है हम – निश बोदला : Moral Stories in Hindi

निशा ने  एक दिन  अपने पति प्रदीप से कहा, तुम इतने बड़े परिवार में क्यों रहते हो? तुम्हारे परिवार वाले चैन से जीने ही नहीं देते। प्रदीप ने कहा, क्या हुआ ऐसे क्यों बोल रही हो?निशा ने कहा,,,, अरे मैं परेशान हो गई हूं,यार प्राइवेसी नाम की तो कोई चीज ही नहीं है यहां पर … Read more

संयुक्त परिवार में टोका -टाकी ज़रूरी है पर एक शिक्षा और परवाह भी है। – मोहित महेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

 यह कहानी है दो सहेलियों की – एशा और लावण्या। इन दोनों की जीवन शैली में काफ़ी अंतर है। एशा एक गाँव में अपनी संयुक्त परिवार के साथ रहती है, जबकि लावण्या मेट्रो सिटी में अपनी न्यूक्लियर परिवार के साथ रहती है। तो चलिए मैं आपको कहानी की ओर ले चलता हूँ। (दृश्य 1) एक … Read more

सयुक्त परिवार में रोक टोक तो होती है पर सुरक्षा और परवाह भी होती है – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

अवि खिड़की से बाहर टकटकी सी लगाई बैठी थी। तभी सौरभ ने आवाज लगाई ” अवि खाने का टाइम हो गया यार अब तो खाना परोस दो।” अवि वही से चिल्लाई ” बस दो मिनिट “ सौरभ डाइनिंग टेबल पर बैठ गया अवि खाना परोस रही थी की उसे याद आया ” अरे तुमने याद … Read more

परिवार है तो परवाह है – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

सुनो ना निशांत… तुम्हारी यह मीटिंग कोई और नहीं कर सकता हमें यहां आए हुए अभी 2 ही महीने हुए हैं और तुम मुझे  छोड़कर 2 दिन के लिए मीटिंग करने के लिए मुंबई जा रहे हो, मैं कैसे रहूंगी यहां और खासतौर से बिट्टू के साथ जो अभी पूरी साल भर की भी नहीं … Read more

घमंड का टूटता घोंसला – पूनम बगाई : Moral Stories in Hindi

साथ बचपन में खेले, छोटे भाई पर जान छिड़कने वाले महेश ने उम्र और पैसा बढ़ने के साथ ही माँ और परिवार दोनों से कटाव महसूस करना शुरू कर दिया।  महेश और राकेश, दो भाई, एक ही छत के नीचे रहते थे। उनका परिवार बंटा नहीं था, पर उनके दिलों में धीरे-धीरे दूरियाँ बढ़ने लगी … Read more

अपने तो अपने होते हैं – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 देख छोटू तुझे किसी बात की चिंता करने की जरूरत नही है।रात में तेरी भाभी राज के पास   रुक जाया करेगी और दिन में मझले की घराली सुमन रहेगी।और हम सब हैं ना,तू काहे फिकर करे है।        आशीष ने अपने बड़े भैय्या के बोल सुनकर उनके कंधे पर अपना सिर रख लिया और सुबक … Read more

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