श्रद्धांजलि (अंतिम भाग ) – बीना शुक्ला अवस्थी: Moral stories in hindi
बदले में सुकन्या की हॅसी सुनाई दी – ” मुझे इतना मूर्ख कैसे समझ लिया? एक बार धोखा खाने के बाद दुबारा धोखा खाना मेरा स्वभाव नहीं है। मैं जानती हूॅ कि तुम कोई चाल चलकर मुझसे वो सारे प्रमाण प्राप्त करने का प्रयत्न करोगे लेकिन सूचना के लिये बता दूॅ कि मेरे अपहरण और … Read more