बहू का तिरस्कार – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi
Moral Stories in Hindi : तड़ाक! की आवाज से रसोई घर गूंज उठा. अपने समान समेट और अपने बाप के घर जाने की तैयारी कर निर्लज्ज औरत! गाल सहलाती आंखों से आंसू बहाती मुन्नी सहमी सी नजरें जमीन में गड़ाए खड़ी थी! मां जी की बड़ बड़ चालू थी.. नीच खानदान से आई है तेरे … Read more