दिन में तारे नज़राना – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

एम बीए पास रचना का रिश्ता जब संयुक्त परिवार में तय होगया,तो उसकी माँ ने कहा बेटा माना तुम्हें कुकिंग में जरा भी रूचि नही है,बैसे भी जॉव करते समय तुम्हें इस सब के लिए शायद समय भी न मिले। लेकिन थोड़ी बहुत कुकिंग आना बहुत जरूरी है,ताकि ससुराल जाने पर कुछ सुनना न पड़े।हां … Read more

दिन में तारे देखना… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

सासू मां की तो कभी उनके जीते जी कदर ही नहीं की रम्या ने… ना कभी कोई रीति रिवाज जानना चाहा… ना कोई गांव घर, नाते रिश्ते, ही निभाए… हमेशा यही कहती रही की… “मां हैं ना… वह कर ही रही हैं तो मुझे क्या…!”  पर सासू मां जल्द ही उसका साथ छोड़ कर चल … Read more

दिन में तारे दिखाई देना – कान्ता नागी : Moral Stories in Hindi

अम्मा जी ने बड़ी मुश्किल से अपने पोते गोपी को पढ़ा रही थी।गोपी उनके खानदान की आखरी निशानी थी। एक एक करके अम्मा जी के पति राधे जी पहले बीमारी के कारण चल  बसे।बेटा बहू रेल दुर्घटना मे मारे गये। अब केवल पोता गोपी ही बचा था। अम्मा जी मेहनत मजदूरी करके उसे सरकारी विद्यालय … Read more

छोटी सी लापरवाही !! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बापू चरण स्पर्श ट्रेन का समय हो गया चलता हूं अपना ख्याल रखियो आंख वाली दवाई डालते रहना  तुम्हारी आँख का इलाज बाकी रह गया है… किसना ने सुबह सुबह ही खेत की तरफ जा रहे पिता के पैर छूते हुए कहा तो जाते हुए कदम पिता के थम से गए। देख बेटा आराम से … Read more

बेटा मुझसे तो नहीं होगा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“माँ एक कप चाय बना कर दे दो ।” अपने कमरे में काम करते हुए रितेश ने सुभद्रा जी से कहा  “ अभी बनाती हूँ ।” सुभद्रा जी ने कह तो दिया पर आज उनकी हालत ख़राब हो चुकी थी दिन में तारे दिखाई देने लगे थे मन कर रहा था काश मैं चुप ही … Read more

दिन मे तारे गिनना – कांता नागी : Moral Stories in Hindi

सीमा माता-पिता की इकलौती संतान थी।घर मे ऐशो आराम के सब साधन होते हुए भी ना जाने कैसे उसमें चोरी करने की लत लग गई थीं। जैसे-जैसे बड़ी होती गई इसकी आदत बढ़ती ही गई। स्कूल मे भी किसी के पास कोई अच्छी चीज दिखाई देते ही इतनी सफाई से चोरी करती कि किसी को … Read more

अंजाम – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

भाई जी मेरी औकात दो लाख रुपयों के देने की नही है।मेरे छोटे छोटे बच्चे है,भाई जी हम पर तरस खाओ। अ—छ–छा, तेरी औकात दो लाख देने की नही है।तो ठीक है फिर हो गया फैसला अब तुझे एक हफ्ते में ढाई लाख भेजने है। भाई जी– ये क्या?  क्यों, और रियायत चाहिये?जा एक हफ्ते … Read more

दिन में तारे नजर आना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

पति की हालत देखकर कुसुम जी को दिन में ही तारे नजर आने लगें।उनकी बेटी आन्या और अमय दोनों विदेश में रहते हैं।आएँ दिन उनके पति  नीरज जी की तबीयत खराब रहती है।इसे कुसंयोग ही कह सकते हैं कि नीरज जी ने जिन्दगी में कभी शराब नहीं पी,परन्तु लीवर की गंभीर  बीमारी से ग्रसित हो … Read more

अपनी अपनी नजर!! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

शामली के शॉपिंग स्टोर में प्रवेश करते ही  वे दो जोड़ी आंखें फिर उसकी उठ गईं और जब तक वह वहां सामान लेती रही जैसे वे उसका पीछा ही करती रहीं उन आंखों में गहरी उत्सुकता और बेकली में कुछ कहने का भाव था। जल्दी से आधा अधूरा सामान ही ले कर वह तुरत फुरत … Read more

लड़कों के साथ बेड टच – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

मम्मी में स्कूल नहीं जाऊंगा, स्कूल नहीं जाऊंगा। छोटा सा बच्चा माधव नींद में चिल्ला रहा था।  माधव की मम्मी नेहा को बड़ी विचित्र लगी उसकी यह हरकत। ऐसा तो पहले माधव ने कभी नहीं किया नींद में। माधव तो 5 साल से लगातार स्कूल जा रहा है। पढ़ने में भी खूब अच्छा है। कभी … Read more

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