गड़े मुर्दे उखाड़ना – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

स्वाति स्कूल से आकर अभी फ्रेश भी नहीं हुई थी कि वाचमेन ने आकर बताया कि जल्दी चलिए साहब गिर गए हैं । वह फिर से चप्पल पहनकर उल्टे पाँव भाग कर उस जगह पर पहुँची जहाँ उसका पति शराब के नशे में धुत्त होकर गाड़ी से नीचे गिर गया था । वाचमेन की सहायता … Read more

गडे मुर्दे उखाड़ना – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

भैया… मैं और रजनी सोच रहे है प्रिया के ससुराल वालों को सगाई में हम लिफाफे की जगह क्यों ना चांदी के सिक्के देदे, आपकी क्या राय है ?..और हां.. सोच रहे हैं शादी में भी खाना बनाने वाले हम बाहर से बुला ले! हां हां.. रविंद्र.. क्यों नहीं.. आखिर  10 साल बाद घर में … Read more

खुशनुमा बयार – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मानसी-मानसी, खुश खबरी, कल पापा हमारे पास आ रहे है,तीन दिन रहेंगे।ओह, पापा, आपने हमे माफ कर दिया,इससे बढ़कर हमारे लिये कुछ भी नही। क्यों, राजेश क्या अब मेरी बिरादरी बदल गयी है जो दो वर्ष पहले मुझे ताना देकर सुनाई गई थी,या अब अपने बेटे से कुछ जरूरत आन पड़ी है? ये कैसा रिएक्शन … Read more

गुस्सा पी जाना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

रंजना जी ने अपनी दोनों संतानों को उच्च शिक्षा दिलवाई। उन्होंने बेटी और बेटा दोनों की समान परवरिश की। पढ़ाई के बाद जब उनकी बेटी नमिता ने  शादी मेट्रोमोनियल से एक लड़के को चुना ,तो उनलोगों ने लड़के तथा उसके परिवार से मिलने के बाद शादी करने की स्वीकृति दे दी। रंजना दम्पत्ति तथा उनकी … Read more

हम साथ साथ – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ कब तक यूँ ही चुपचाप ग़ुस्सा पीते रहोगे…. माना रिश्ता बना कर रहना चाहिए पर ये कैसा व्यवहार है कि बिना गलती तुम सब बर्दाश्त करते रहते हो ।”निकिता अपने पति मयंक को समझाते हुए बोली  “ निकिता पाँच साल से मेरे साथ हो ना….फिर भी तुम्हें समझ नहीं आया मैं क्यों सब कुछ … Read more

भ्रम जाल – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

माँ ओ माँ, देख तेरा लाडला क्या गुल खिला रहा है,पता नही कैसे मैं खून के घूंट पीकर आया हूँ?कैसे अपने को रोका है अरे बात तो बता,क्या पहाड़ टूट पड़ा है?अनुज ने ऐसा क्या कर दिया है? पूछ रही हो क्या कर दिया है?ये पूछो क्या नही कर दिया है? विक्रम क्यों पहेली सी … Read more

ठग अपने ही घर – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ नीना आज फिर से तुमने मेरे वॉलेट से पैसे निकाले… कितनी दफ़ा कहा है जब भी निकाला करो मुझे बता दिया करो।” ऑफिस से घर आकर मयंक पत्नी  पर ग़ुस्सा करते हुए बोला  “ पर मैंने कोई पैसे नहीं निकाले कुछ दिनों से तुम मुझसे यही कह रहे हो अरे जब निकालूँगी तो बता … Read more

विश्वास का नतीजा – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

रघु …जल्दी से बाजार जाकर 10 समोसे, तीन कोल्ड ड्रिंक की बोतल, बर्फी और कुछ चॉकलेट कुरकुरे और चिप्स के पैकेट लेते हुए आना…खुशी से उत्साहित रश्मि ने अपने नौकर रघु को 1000₹देते हुए कहा! दरअसल आज रश्मि के मायके वाले यानी कि उसके पापा मम्मी भैया भाभी और भतीजा भतीजी आ रहे थे! वह … Read more

कृतघ्नता – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 पर ये तो बताओ ना, हमने तो संजू को अपने बच्चे की तरह ही पाला पोसा, तुम्ही बताओ कभी मन मे भी उसके प्रति धुरात आयी?फिर उसने हमारे साथ इतना बड़ा विश्वासघात क्यूँ किया? भागवान, अब छोड़ इस बात को,हमारी परवरिश में ही कोई कमी रह गयी होगी,तभी संजू ने ऐसा किया।मलाल तो बस इतना … Read more

सन्तुष्ट – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

प्रतीक मैं नौकरी करना चाहती हूं… थाली में गर्म रोटियां रखती हुई नेहा बोली। नौकरी ऐसे अचानक, पर क्यों मैंने या मम्मी ने कभी किसी चीज के लिए रोका है तुम्हे। वो बात नही है प्रतीक, मैं अब घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपनी एक पहचान बनाना चाहती हूं सुमि भी अब तीन साल … Read more

error: Content is Copyright protected !!