भीगे बादाम – पिंकी नारंग #लघुकथा

बादाम छीलते हुए रीता ने दो बादाम चुपके से अपने मुँह मे रख लिए |जब वो पति राधे को दुध के साथ बादाम देने गई तो बादाम देखते ही अम्मा जी बिफर पडी |बादाम तो मैने पूरे भिगोए थे फिर लला को कम कयो दे रही हो |रीता की काटो तो खून नही वाली हालत … Read more

ईमान – उषा गुप्ता #लघुकथा

“भैया,रिक्शा जरा जल्दी चलाओ ना !” मिसेज गोस्वामी उतावली हो रही थी अपने बेटे और पोते को देखने के लिए। ” अरे भागवान ,रिक्शा ही तो है हवाई जहाज नहीं …बस पहुंचने ही वाले हैं।” मिस्टर गोस्वामी ने दिलासा देते हुए कहा। जैसे ही रिक्शा बड़ी सी कोठी के गेट पर रुका ,दोनों ने फटाफट … Read more

सन्नाटा  – गौतम जैन #लघुकथा

आप दोनों के लाड़ प्यार से बच्चे बिगड़ जाएंगे इसलिए बच्चों को नहीं भेजेंगे । बच्चों पर आप लोगों का कोई अधिकार नहीं है ये आपकी बहू कह रही है और इसमें गलत भी क्या है ? बेटा अपने मां बाप से बोला ।           हम तो यहां सब कुछ छोड़कर बच्चों के लिए ही तो … Read more

स्नेह बंधन – डा.मधु आंधीवाल

आज आप मेरे साथ नहीं हैं पर आपका ममत्व भरा सानिध्य में कभी नहीं भूल पाती हूँ । आज मैं भी उम्र के ढलान पर हूँ पर जब पुरानी यादों में पहुंच जाती हूँ तो लगता है कि अभी भी तुम्हारी  छुटकी बन गयी । आप बड़ी बहन कम और एक मां का दायित्व निभाती … Read more

ढोल – अनुज सारस्वत

“भैया देखो ऐसा है बैंड का हमें ना पता लेकिन ढोल जरूर होना चाहिए।हमारे भैया की शादी में।वरना हम दूसरा इवेंट वाला कर लेंगें” सेठ ने बाल खुजाते हुए इवेंट मैनेजमेंट वाले को कहा।इवेंट मैनेजर आश्वासन देकर चला गया। वह एक बस्ती में पहुंचा वहां जाकर एक झुग्गी में आवाज लगाई  “मोनू.. मोनू..” एक 20 … Read more

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