नाम डुबोना – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

सुना आपने, आपकी बड़ी बहुरिया क्या गुल खिला रही है आजकल। इस कुलक्षिनी ने तो हमारा नाम डुबोने की कसम ले रखी है….. ललिता अपने पति सोमेश जी से बोल रही थी। क्यों अब क्या कर दिया उस बेचारी ने…तुम्ही तो उसका जीना हराम किये देती हो। बड़ी दीदी ने आज छोटे तालाब के पास … Read more

दर्द का एहसास – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi

” तुमने मेरी नाक कटवा कर रख दी। इज़्ज़त मिट्टी में मिलाकर रख दी। बस यही दिन देखना रह गया था। तुम्हें शर्म नहीं आई, यह सब करते हुए। अपने माता-पिता के अरमानों पर पानी फेर दिया। मेरा नाम डुबोकर तुम्हें चैन मिल गया होगा।” पिता जी गुस्से में संजीव को बोल रहे थे।     पर … Read more

खून के आँसू रुलाना – के कामेश्वरी

सुरेश चंद्र जी की मृत्यु की खबर पूरे फ़्लैट में आग की तरह फैल गई थी । सब की जुबान पर एक ही बात थी कि कितने अच्छे इन्सान थे । वे रोज़ मंदिर जाते थे । अपने जन्मदिन पर मंदिर के पुजारियों को कपड़े बाँटते थे और तो और ज़रूरतमंदों की सहायता करते थे,तभी … Read more

बस अब और खून के आंसू नहीं रुलायेगा तू बहू को  – मीनाक्षी सिंह

अंदर से जोर जोर से बहू के रोने की आवाज आ रही थी ,खिड़की से झांककर देखा रमेशजी (ससुर ) और मधुजी (सास ) ने तो गिड़गिड़ाने लगे -छोड़ दे बहू को नीरज (बेटा ) ! मर जायेगी वो और कितना मारेगा उसे बेल्ट से ! मधुजी सिस्कियां भरती हुई बोली ! माँ जी ,पापा … Read more

संस्कार – अंजू निगम

“माँ,आज ऊपर वाली आंटी ने फिर सारा कूड़ा हमारे घर के आगे कर दिया| मैं अभी जा सारा कूड़ा उनके घर के आगे फेंक आता हूँ|”प्रनव के स्वर में गुस्सा था|“फिर उनमें और तुम में क्या अंतर रहा|” ऐसा कह नेहा ने घर के आगे झांडू लगा सारा कूड़ा समेट दिया|प्रनव दसवीं कक्षा में है|पढ़ाई … Read more

तड़का – अंजू निगम

मैंने सास-ससूर दोनो को खाने पर बिठा दिया था| “हमे एक एक रोटी गरम दिया करो|ठंडी रोटी दाँतो से कटती नहीं|”सासूजी ने कहा|    मुझे भी इस बात का अहसास था और दोनो को गरम खाना ही मिले,इस बात का खास ध्यान रखती थी|   “बहू,सब्जी बहुत स्वाद बनी हैं|”ससूरजी ने कहा तो मेरा चेहरा खिल उठा| … Read more

बदलाव – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मिल गई फुर्सत घर आने की, अरे घर में है कौन तुम्हारे लिए, बाहर जाओ घूमो फिरों मटरगश्ती करो और हां …मैंने खिचड़ी बनाकर रख दी है गर्म करके खा लेना और सारे बर्तन और रसोई को साफ कर देना, मैं अपने दोस्तों के साथ बाहर जा रही हूं। सुनो ना.. टीना, आज मेरा एक … Read more

समिधा  – ऋतु अग्रवाल

           रंजू सुबह से एक पैर पर इधर से उधर भाग रही थी। उसके घर में नवमी पर कन्या पूजन से पहले हवन कराने की परंपरा रही है। पति सूरज आराम से पंडित जी के पास बैठे थे और बच्चे अपने अपने मोबाइल में व्यस्त थे।         पंडित जी हवन के लिए जो भी सामग्री मंगाते, … Read more

अपनों नें हाथ छोडा पराये नें थाम लिया – चंद्रकांता वर्मा

आज छोटू की पोस्टिंग भी अमेरिका हो गई । डाक्टर बन गया थी आगे के लिये विदेश पसंद था मेरे बच्चों को। हम पति पत्नी बहुत खुश थे बच्चों का केरिमर बन गया। बडी सी हवेली नुमा घर था बडे सरकारी  पद पर रहे थे पेसे की कमी नहीं थी।समय निकलता रहा अपनीं रफ्तार से … Read more

 कुछ रिश्ते ऐसे – अनिता गुप्ता 

अचानक किसी ने जोर से दरवाजा खटखटाया और लगातार खटखटाता रहा। ” इस वक्त कौन हो सकता है ?” प्रिया ने सोचा और बगल में सो रहे अपने पति हर्ष को जगाया। हर्ष भी इतनी जोर से दरवाजा खटखटाने की आवाज से जगा — जगा सा तो हो ही गया था और  प्रिया के हिलाने … Read more

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