तुम मेरे हो – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

राशि अपने नाम के अनुरूप सौंदर्य की अप्रतिम राशि ही थी,विधाता ने बड़े फुरसत में गढ़ा था उसे,बड़ी बड़ी कजरारी आंखें, सुत्वा नाक,गुलाब की पंखुरी जैसे होंठ और आबनूसी काले,सिल्की बाल बस उसकी तकदीर लिखने में विधाता थोड़ी कंजूसी कर गए।छोटी सी थी कि उसकी मां महामारी की चपेट में आकर चल बसी,पिता ने दूसरी … Read more

रोते रोते बस अपनी किस्मत को कोसती जा रही थी – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

सुमन को पार्क में आए तीन घंटे हो चुके थे,रोज की तरह सुबह सात बजे सैर के लिए घर से निकली थी और अब दस बज रहे थे ,सैर भी कितनी करती आखिर।थक चुकी थी,घर वापस जाने को मन ही नही कर रहा था,सोचने लगी कैसा घर किसका घर।पहले घर पति का था अब घर … Read more

NRI दामाद – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

न जाने किस घडी में मेरे मम्मी-पापा ने एक  एन आर आइ दामाद क सपना देखा था। असल में हुआ  ऐसा कि मेरी मौसी की लड़की की शादी NRI से हुई और वह अमेरीका में रहकर अपने पति के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही थी। तभी मेरी मम्मी ने भी सोच लिया कि वे … Read more

क़िस्मत वाली या बदकिस्मत – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

आज अपनी तीसरी बेटी को भी हँसी ख़ुशी विदा करने के बाद तनु घर समेटने में व्यस्त थी तभी सुमति जी आई और बोली,“ बहू बड़ी भाग्यशाली है मेरी पोतियाँ जो इतने अच्छे घर में ब्याही गई… तीनों अपने माता-पिता के लिए जितनी फ़िक्रमंद रहती है उससे ज़्यादा उनके पतियों को तुम दोनों की चिंता … Read more

तेरहवीं – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

विभा आज दीपिका की तेरहवीं पर आई थी। मन बहुत भारी हो रखा था। तभी उसने कुछ महिलाओं को बातचीत करते सुना।  कोई दीपिका की मौत को लेकर कयास लगा रही थी। तो कोई उसके चरित्र को लेकर सवाल उठा रही थी।  तो कोई उसकी शिक्षा पर प्रश्न चिन्ह लगा रही थी???? यह सब सुनकर … Read more

रोते रोते बस अपनी किस्मत को कोसती जा रही थी । – रेखा सक्सैना : Moral Stories in Hindi

सुरेश अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ शहर से दूर गांव में रहता  था । उसकी। आर्थिक  हालात कुछ अच्छी नहीं थी। रोज मजदूरी करने शहर जाता और उसे जो कुछ धन प्राप्त होता है उससे उसकी जीविका चल रही थी। परंतु वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर इस गरीबी के दलदल से … Read more

रोते रोते बस अपनी क़िस्मत को कोसे जा रही थी – सुषमा सुनील कुलश्रेष्ठ : Moral Stories in Hindi

सवि विवाह कर ससुराल पहुँची तो उसकी सास नन्दों ने उसका बहुत शानदार स्वागत किया। उसकी सास अपनी बेटियों को कह रही थीं, “तुम्हारी इकलौती भाभी है उसे हमेशा बहुरानी बना कर रखूँगी और तुम दोनों भी ध्यान दो कि उसे क्या चाहिए और मायके की याद कर के वह रोये नहीं।” सवि इतना प्यारा … Read more

मेरी किस्मत में तो बस रोना ही लिखा है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अंकिता ने मेंहदी लगाने वाली के सामने जैसे ही अपना हाथ आगे बढाया अंकिता की बुआ सांस जोर से चिल्ला पड़ी अरे , अंकिता तुम कैसे मेंहदी लगवा सकती हो ये तो सुहागिनें लगाती है न और तुम ,,,,,,,,,।अरे भाभी तुम्हारी बहू को जरा भी अकल नहीं है कि मेंहदी तो सुहागिनें लगाती है ये … Read more

ईश्वर की मदद – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

पून्नो  सूखी  लकड़ियाँ चुनते-चुनते जंगल में कितनी दूर निकल आई , उसे इस बात का अहसास तब हुआ जब पतली सी पगडंडी किसी दूसरी दिशा में मुड़ गई । चारों तरफ़ सन्नाटा, ऐसा लगा कि सूरज की किरणों की प्रचंडता से घबराकर जीव-जंतु तो क्या , पेड़-पौधों की परछाई भी छिप गई है ।  एक … Read more

लालच का परिणाम –  विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

   ” हाय री मेरी किस्मत…धन के लालच में मैंने क्या अनर्थ कर डाला…हीरे को त्याग कर पत्थर घर में ले आई..।” कहते हुए गायत्री जी चाय बनाते हुए रोने लगी और रोते-रोते बस अपनी किस्मत को कोसती जा रहीं थीं।            किशोरी गायत्री के पिता एक अध्यापक थे।उसकी माँ सीमित आय में घर चलाना बखूबी जानती … Read more

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