रिहाई (भाग 5) – अंजू गुप्ता : Moral Stories in Hindi
देवप्रिया भी अब ज़िंदगी में आगे बढ़ चली थी । आज जब वह घर आई तो उसके पापा उसे एक पत्र पकड़ा कर अपने कमरे में चले गए । लिखावट देख कर ही वह पहचान गयी थी कि यह पत्र राजन ने लिखा है। लगभग दो वर्ष बाद राजन ने उससे सम्पर्क करने की कोशिश … Read more