रिहाई (भाग 5) – अंजू गुप्ता : Moral Stories in Hindi

देवप्रिया भी अब ज़िंदगी में आगे बढ़ चली थी । आज जब वह घर आई तो उसके पापा उसे एक पत्र पकड़ा कर अपने कमरे में चले गए । लिखावट देख कर ही वह पहचान गयी थी कि यह पत्र राजन ने लिखा है। लगभग दो वर्ष बाद राजन ने उससे सम्पर्क करने की कोशिश … Read more

रिहाई (भाग 4) – अंजू गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 राजन को मुंबई गए हफ्ते से ज्यादा हो गया था । इस बीच उसने खुद कोई फ़ोन भी न किया था । जब भी देवप्रिया ने फ़ोन किया , उसे लगा की राजन के मन में कोई कशमकश चल रही है । नई नौकरी और खुद को काबिल साबित करने की टेंशन थी या कोई … Read more

रिहाई (भाग 3) – अंजू गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 बेंगलूर जाने के बाद लगभग रोजाना ही दोनों में बातचीत हो जाती थी । अपने सुखद भविष्य की उम्मीद में राजन दिल लगा कर मेहनत कर रहा था। आज, छह महीने बाद वो उससे मिलने आने वाला था । देवप्रिया ने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी ताकि वह अपना पूरा दिन राजन के साथ … Read more

रिहाई (भाग 2) – अंजू गुप्ता : Moral Stories in Hindi

देवप्रिया वैसे तो खुले दिल की थी पर राजन की एक कजिन का वक्त बेवक्त फ़ोन आना उसे हर बार खटकता था । उसने सुन रखा था कि दक्षिण भारतियों में कजिन से शादी हो सकती है, इसलिए उसने राजन से इसके बारे में पूछा भी । इस पर राजन ने हँसते  हुए बताया कि … Read more

रिहाई (भाग 1) – अंजू गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आकाश में काले बादल घिर रहे थे और बिजली चमक रही थी, लगता था जैसे भयानक तूफान आने वाला है । पर उससे कहीं अधिक तेज़ तूफान देवप्रिया के भीतर चल रहा था ।” मैं गलत थी राजन कि मैंने तुमसे प्यार किया । तुमसे प्यार करना ही मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल थी … Read more

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