रिश्तो में गलतफहमी की गुंजाइश न हो – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

क्या बात है चारु…  आज तुमने अपनी भाभी को जन्मदिन का ना कोई मैसेज भेजा ना फोन किया और न हीं स्टेटस लगाया, तुम्हारी तबीयत तो ठीक है या फिर कुछ भाभी से अनबन हो गई, रितेश ने अपनी पत्नी चारु से पूछा! नहीं तो.. ऐसी तो कोई बात नहीं है बस मन नहीं किया … Read more

“रिश्तों में बढ़ती दूरियाँ” – समिता बडियाल : Moral Stories in Hindi

`सलोनी और सोमेश, अजीत और गीता के दो बच्चे थे। दोनों होनहार और पढाई में अब्बल। संस्कार तो कूट -कूट कर भरे थे। कभी पलटकर जबाब नहीं देते सलोनी नाम के जैसे साँवले रंग की , तीखे नैन -नक्श , कमर तक लम्बे बाल, आँखों में हल्का सा काजल। बहुत सुंदर लगती। माँ गीता तो … Read more

*अनुभूति* – मधुलता पारे : Moral Stories in Hindi

मंदिर की घंटियों की आवाज से अन्विता की नींद खुली देख कमरे में झकाझक उजाला फैला था । उसकी कल की थकान अभी तक नहीं उतरी थी। पर बहुत काम पड़ा था पर उठना जरूरी था। असल में रवि का ट्रान्सफर प्रदेश की राजधानी में प्रमोशन पर हुआ था। कल ही वे लोग इस घर … Read more

सॉरी- भैय्या – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

          पहली बार मेरे बचपन के घनिष्ठ मित्र प्रियांशु के भाई का फोन आया।स्वाभाविक रूप से आश्चर्य हुआ।मैंने पूछा आकाश सब ठीक है ना।मैं पहली बार तुम्हारा फोन सुन रहा हूँ।       आकाश बोला  नही भाईसाहब कुछ ठीक नही है।मुझे लगा कि भाइयो का जमीन जायदाद के बंटवारे का  झंझट होगा।फिर भी मैंने कहा कि क्या हुआ … Read more

कच्चे धागे से बुने रिश्ते – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

सुनो अखिल! अब तुम्हें मेरा हालचाल पूछने के लिए आने की जरूरत नहीं है, तुम्हारे पापा है मुझे सम्हालने के लिए। जब हमें तुम्हारी जरूरत थी, तब तुम्हे नहीं लगा कि यहां होना चाहिए तुम्हें, तो अब रोज यूँ आकर दिखावा मत करो। अखिल ने कुछ कहना चाहा, पर माँ ने चादर ओढ़ कर करवट … Read more

“नज़ाकत रिश्तों की” – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“कान खोल कर सुन लो तुम दोनों! नीमा और दामाद जी राखी पर आ रहे हैं कोई कमी ना होनी चाहिए!और बहू जी तुम? तुम तो अपनी कंजूसी अपने घरवालों के लिए ही बचा के रखना !मेरी बेटी की आवभगत खूब अच्छी तरह होनी चाहिए बस!” मयंक तुम आज ही जाके बैंक से पैसे निकाल … Read more

किसी की नज़र ना लगे । – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

रावी , कल छोटी बहू के मम्मी- पापा आ रहे हैं, नाश्ते – पानी का अच्छे से इंतज़ाम करके रखना ।  माँजी , क्या मेघा से पूछ लूँ कि आँटी- अंकल को क्या पसंद है, उन्हीं की पसंद का बना लूँगी । अरे वो बड़े लोग हैं । उनकी पसंद के चक्कर में  सामान भी … Read more

पीढ़ियों का अंतर – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

अलार्म के बजते ही सोनाली की नींद खुल गई । उसे लगा कि पाँच मिनट और सो जाती हूँ फिर लगा कि नहीं एक मिनट देरी की तो सारे काम पीछे हो जाएँगे और ऑफिस के लिए लेट हो जाऊँगी सोचकर अलसाए हुए शरीर को लेकर बाथरूम की तरफ़ फ्रेश होने के लिए बढ़ी । … Read more

आस्तित्व – रीमा महेंद्र ठाकुर : Moral Stories in Hindi

रोज रोज की चिक चिक से तंग आ गयी हूं”!” आखिर गरिमा ने मौन तोड दिया !” क्यूँ क्या हुआ “? पति विशाल ने पूछ ही लिया!” आखिर क्या मिलता है ,हर दिन नया षडयंत्र रचकर”! गरिमा देखो ,अपने मन की गलतफहमी दूर कर लो ,ऐसा कुछ नही है””!परिवार  मे ऐसी छोटी छोटी बाते होती … Read more

“तुम्हारी पत्नी से कोई विधिवत काम नहीं होता बेटा” – सिनी पांडे : Moral Stories in Hindi

विधि के बेटे आरुष की कक्षा 3 की परीक्षाएं चल रही थीं, तो वो अपने बेटे को जगाकर उसका टिफिन, बोतल सब यथास्थान रख रही थी| दूसरी तरफ उसका छोटा बेटा अभिराज भी सोकर उठ गया तो उसके लिए भी दूध बनाना था| वैसे भी सुबह के समय हर घर में काम ज़्यादा होता है … Read more

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