सुखानुभूति – लतिका श्रीवास्तव

भव्य हवेलीनुमा आवास,दर्जनों नौकर चाकरों से लकदक हर कोना, रईसी शानो शौकत से आच्छादित पांच मंजिली इमारत के एक विशाल वातानुकूलित कक्ष में आदमकद आईने के सामने बैठी नम्रता खुद को निहार रही थी,परख रही थी ,आत्ममुग्ध थी। वर्षों की अटूट अनवरत लगन मेहनत और संघर्ष के बल बूते आज वह सफलता और वैभव के … Read more

error: Content is Copyright protected !!