बुआजी की सीख – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

 ध्रुवी की शादी को अभी महिनाभर ही हुआ था। वह ससुराल में सबको जानने समझने की कोशिश कर रही थी। किन्तु कैसे समझे किसे किसे समझे इत‌ना बडा परिवार था इतने लोग उसे लगता जैसे कहीं भीड़ में खड़ी हो। वह एकल परिवार से आई थी जिसमें उसके मम्मी-पापा, और एक छोटा भाई और यह … Read more

विवाह – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

सोनिया मैंने कहा है कि मेरे साथ भाग चल।पर तू है कि मानती ही नहीं।  टिंकू ने सोनिया से कहा। तो सोनिया ने उत्तर दिया,” नहीं, मैं ऐसा नहीं कर सकती। मैंने तुमसे प्यार किया है।कोई चोरी नहीं की है। जब मेरे माता-पिता मान गए हैं तो तुम्हारे माता-पिता भी मान जाएंगे।” टिंकू ने कहा,”पर … Read more

मायके में आपके रिश्ते बने होते हैं पर ससुराल में बनाने पड़ते हैं – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सौरभ रिचा के साथ कॉफी पीने आया था । कॉफी पीना तो एक बहाना ही है वह रिचा के प्रश्नों का जवाब देने वाला था । उसने गहरी साँस ली और कहा रिचा मैं तुमसे शादी करूँ तो कैसे करूँ ? तुम मेरी माँ की ज़ुबान को नहीं जानती हो वह इतनी तीखी है कि … Read more

मायके में रिश्ते बने होते हैं -ससुराल में रिश्ते बनाने पड़ते हैं! – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

” बेटा!उठ जाओ 8बज रहे हैं ,देर तक सोना सेहत के लिए अच्छा नहीं,जल्दी से उठ जा मेरा बच्चा! “सीमा जी ने बडे प्यार से अपनी बेटी सना को जगाते हुए पुकारा! ऊं हूं मम्मी !8ही तो बजे हैं आज काॅलेज की छुट्टी है,आज तो सोने दो? “बेटा देखो तुम्हारी भाभी भी तो अभी नई … Read more

गिरह – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

सौरभ तुम्हारी मम्मी का फ़ोन है पर ये मुझे फ़ोन क्यों कर रही है? कहीं तुमने बता तो नहीं दिया कि मैं तुमसे दो हफ़्ते पहले इंडिया जा रही हूँ । फ़ोन तो उठा लो, मैंने कुछ नहीं बताया….क्या मम्मी तुम्हें फ़ोन नहीं कर सकती…..लो फ़ोन कट गया । अच्छा हुआ, कट गया । मैंने … Read more

उम्मीदें… सही है.. – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

क्या यार निशा.. जब भी मैं तुझसे मिलने तेरे ससुराल में आती हूं तू हमेशा ही घर के कामों में बिजी रहती है ऐसा लगता है कि तू घर की बहू नहीं कामवाली बाई है जो भी आता है तेरे ऊपर हुकुम छोड़ कर चला जाता है, कभी सास ससुर को गर्म चाय गरम खाना … Read more

भाभी की सीख – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

        ” ईशा..डाॅन्ट टच…।” निशा ने अपनी जेठानी की बेटी से कहा तो पास खड़ी उसकी ननद की बेटी अराध्या बोली,” मामी..हम तो बस देखेंगे..तोड़ेंगे थोड़े ही..।” सुनते ही निशा गरम हो गई, उसका हाथ झटककर तीखे स्वर में बोली,” तुम्हारी मम्मी ने सिखाया नहीं कि दूसरों की चीजों को हाथ नहीं लगाना चाहिए।” दोनों बच्चियाँ … Read more

*निःशब्द रिश्ते* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 भाई रमेश तुमने नोट किया,जबसे माँ बीमार पड़ी है, तब से नयना ने यहां जल्दी जल्दी आना शुरू कर दिया है।         बस सुरेश तुमने कह दिया जबकि मेरे मन मे ये बात पहले से ही थी।         माँ के तो अब चला चली के दिन है,ये घर और प्लाट पिता छोड़ कर गये हैं।नयना कहीं हिस्से … Read more

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