मतभेद – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

नमिता घर के कामों में मशगूल थी तभी डोर वेल बजी । नमिता ने दरवाजा खोला तो देखा सामने कोरियर वाला था। उसने एक  लिफाफा पकड़ाया नमिता को और चला गया । नमिता ने जब अंदर आकर लिफाफा खोला तो देखा दूसरे भतीजे की शादी का निमंत्रण कार्ड था ।र्काड देखकर नमिता थोड़ी असमंजस में … Read more

मतों का भेद स्वाभाविक है – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

नितिन, प्लीज़ तुम ख़ुद ही आगरा चले जाओ , दो-चार दिन या एक आध हफ़्ता, मैं यहाँ मैनेज कर लूँगी । तुम्हारी मॉम के आते ही हैडेक हो जाती है…. शानू ….यार मैं भी समझता हूँ मॉम की रोक-टोक पर …. लगातार एक महीने से वो कह रही है कि घर में मन नहीं लग … Read more

मतभेद – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

सुनिए… आप जरा ऑफिस से जल्दी आ जाना… राशन खत्म हो गया है… वह लाने चलेंगे… पदमा ने अपने पति रवि से कहा  रवि:   क्या राशन खत्म..? वह भी महीने के बीच में..? पर मैं तो राशन पूरे महीने का ही लाता हूं ना…? ऐसे कैसे बीच में ही खत्म हो गए..? पदमा:   … Read more

दिमाग की खिड़कियाँ – सुधा भार्गव : Moral Stories in Hindi

“रानी ओ रानी …अरे  कहाँ ग़ायब हो गई।”  गहरी सांस  लेने के बाद फिर कर्कश आवाज —”  “अरी कान में तेल डाल कर बैठी है क्या !लगे निगोड़ी को  सुनाई देना ही।बंद हो गया है।”  “माँ  चिल्लाओ मत। सोमवार को मेरी परीक्षा है मुझे बहुत काम  है।”   “परीक्षा गई तेरी भाड़ में ।अपनी किताब समेट!भर  … Read more

थैंक्स पापा! – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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 ” बस आरव, बहुत हो चुका…अब मैं तुम्हारी तानाशाही हर्गिज़ नहीं सहूँगी।” निशा लगभग चीखते हुए बोली।  ” हाँ तो…मैं भी अब तुम्हारी गुलामी बर्दाश्त नहीं कर सकता।आरव.. ये मत करो..ऐसे नहीं बैठो..ये मत खाओ..तंग आ चुका हूँ तुम्हारी इस दादागिरी से..।”आरव भी उसी लहज़े में बोला तो निशा भड़क उठी,” अच्छा…शादी से पहले तो … Read more

प्यार भी तकरार भी – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“शीला, हद होती है किसी चीज की| आज तो तुमने कंजूसी की सारी हदें ही पार कर दी| क्या करोगी इतने पैसे बचाकर? रवि गुस्से से उबल रहा था| “पर,पहले बताइए तो मैंने किया क्या है?” “मेरे स्टेटस का तमाशा बना कर रख दिया है| दोस्तों के बीच मजाक बनकर रह गया हूँ| जब मैं … Read more

मां कहां गई – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

सामने नीम का पेड़ खड़ा लहरा रहा था। ऐसा लग रहा था कि वह कह रहा हो “आओ बेटा तुम्हें अपनी आगोश में ले लूं ।तुम्हें चिंता करने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।” बस अपनी कुछ उम्मीद को लेकर मैंने मायके के दहलीज में कदम रखे थे यह सोचकर कि शायद मेरे कदम रखते … Read more

गुमनाम वसीयतनामा — नेकराम : Moral Stories in Hindi

अंजली की शादी होने के बाद हम दोनों बहन भाई बहुत खुश थे लेकिन मन मुताबिक नौकरी न मिलने के कारण मैं वापस अपनी अम्मा के पास अपने घर लौट आया समय अपनी रफ्तार से आगे बढ़ता चला गया करीब चार महीने बीतने के बाद — रात के 10:00 बज गए कौन दरवाजा खटखटा रहा … Read more

“शब्दों को पुष्प ना बना सको तो तीर भी न बनने दो” – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

नेहा पढ़ी लिखी और सुंदर थी।पहली नजर में ही वो सबको पसंद आ जाती थी पर जब मुंह खोलती तो इतना कड़वा बोलती कि उसके सारे गुणों पे पानी फिर जाता।उसने इंजीनियरिंग के साथ साथ एम.बीए.भी किया था। उसे बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गई थी।ऑफिस में भी रोज किसी न किसी के साथ उसका … Read more

नग वाली पायल – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

अरे सुना कुछ …..वो महेश अंकल नहीं रहे क्या? क्या कह रहे हैं आप?… अब? मंजरी  के हाथ,दुख और सदमे से रूक से गए। वरना सुबह सुबह काम से किसे फुर्सत मिलती है? इतनी सुबह ये समाचार मिला बस कुछ ही दूरी पर महेश और सौदामिनी जी रहते हैं। रिटायर हो चुके हैं, परंतु  बहुत … Read more

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