मंगला मुखी (भाग-18) – ( एवं अन्तिम ) बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

तीन महीने बाद रात को डॉक्टर सौरभ के शयनकक्ष में – ” सौरभ, वह बच्ची कैसी है जिसकी तुमने पापा के कहने से सहायता की थी।” यह डॉक्टर सौरभ कुलकर्णी की पत्नी नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर स्वाति थीं। ” अब वह काफी ठीक है। सच पूॅछों तो इस कार्य में इतने लोगों ने सहायता की … Read more

मंगला मुखी (भाग-17) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

बाबू ने एक पल रुककर दोनों को देखा। शायद उन्हें विश्वास था कि इतनी बड़ी बात सुनकर कदम्ब अपना निर्णय बदल देगा लेकिन वे दोनों अब भी चुप थे, तब उन्होंने तुरुप की आखिरी चाल चली – ” एक बात और कान खोलकर सुन लो। हमारे पास जो कुछ है, उसमें से तुम्हें कुछ नहीं … Read more

मंगला मुखी (भाग-16) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

कदम्ब अम्मा बाबू का अपमान नहीं करना चाहता था। इसलिये इतनी देर से सहन करता जा रहा था। वह चाहता था कि यदि सब कुछ शान्ति से निबट जाये तो अधिक अच्छा है लेकिन अब उसे बोलना ही था – ” अम्मा आप बार बार मेरे बच्चे को मनहूस कहकर उसे फेंकने को कह रही … Read more

मंगला मुखी (भाग-15) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

नाश्ता समाप्त हो गया तो वीथिका जूठे बर्तन उठाकर रसोई में जाकर रख आई और दुबारा आकर कदम्ब के बगल में बैठ गई। भीतर ही भीतर उसे बहुत डर लग रहा था क्योंकि वह अम्मा का स्वभाव जानती थी। अम्मा अपने आगे किसी की न तो सुनती हैं और चलने देती हैं। हमेशा अपने कलह … Read more

मंगला मुखी (भाग-14) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

पहले तो अम्मा पापा का गुस्सा देखकर थोड़ा परेशान हुईं लेकिन इतने वर्षों में उन्हें बाबू को अपने पक्ष में सहमत करना, उन्हें सम्हालना बहुत अच्छी तरह आ गया था। उन्होंने बाबू को समझाया – ” इस तरह बेमतलब चिल्लाने से कोई फायदा नहीं है। चलो, शहर चलकर देखते हैं कि असली बात क्या है?” … Read more

मंगला मुखी (भाग-13) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

उन सभी को अच्छी तरह मालूम था कि उनका यह निर्णय उन सभी पर बहुत भारी पड़ेगा। जो समाज, रिश्तेदार, माता पिता, मित्र बुरे समय में उनसे दूर हो गये थे, उन सबको एक किन्नर का इन लोगों के साथ रहना कभी पसंद नहीं आयेगा। सबसे ज्यादा हंगामा तो वीथिका के भाई भाभी मचायेंगे। भले … Read more

मंगला मुखी (भाग-12) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

आखिर वह दिन आ गया जब वैदेही को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। डॉक्टर सौरभ ने उन्हें घर भिजवाने के लिये अपने नर्सिंग होम से ही एम्बुलेंस की व्यवस्था कर दी‌। जाने के पहले कदम्ब के साथ वीथिका को बैठाकर सब कुछ समझाया – ” आज तुम्हारी बेटी स्वस्थ होकर जा रही है और सच … Read more

मंगला मुखी (भाग-11) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

डॉक्टरों की टीम को आते देखकर कदम्ब और वीथिका आगे बढ़े तो उन्होंने कदम्ब के कंधे पर हाथ रखा – “आपरेशन सफल रहा। अब चिन्ता की कोई बात नहीं है। बहुत उचित समय पर आपरेशन हो गया लेकिन बच्चे को होश में आने में अभी समय लगेगा। उसे वार्ड में शिफ्ट कर रहे हैं, आप … Read more

मंगला मुखी (भाग-10) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

मीटिंग में डॉक्टर सौरभ कुलकर्णी ने सबके समक्ष अपनी बात रखी और साथ ही यह भी बताया कि इस बच्चे के इलाज में उसके पापा की विशेष रुचि है। सौरभ कुलकर्णी जानते थे कि उसके सभी मित्र डॉक्टर इसके पापा का बहुत सम्मान और आदर करते हैं। उपस्थित सभी डॉक्टरों ने अपनी ओर से पूर्ण … Read more

मंगला मुखी (भाग-9) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

कुलकर्णी जी के बताये अनुसार कदम्ब और वीथिका सुबह ही वैदेही को लेकर डॉक्टर सौरभ के बंगले पर पहुॅच गये। आज कुलकर्णी जी का गेट एक नौकर ने खोला। सामने  वृद्ध कुलकर्णी जी एक कुर्सी पर बैठे थे।ऐसा लगता था कि जैसे वह उन दोनों की ही प्रतीक्षा कर रहे थे। भीतर जाकर कदम्ब और … Read more

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