बारिश का इश्क (अंतिम भाग – 11 ) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

मैं कॉलेज के कामों में व्यस्त होने लगी, घर पर भी मेरा दिन कामों में उलझा बीतता। कान में बिन बजे ही फोन की घंटी की आवाज ही सुनाई देने लगी थी और इस तरह से एक सप्ताह बीतने को आया था। इस दौरान मुझे संगीता के लिए अजीब सी झुंझलाहट महसूस होने लगी। उनके … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 10 ) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

कॉलेज मिलते ही और हॉस्टल जाने की तिथि तय होते ही “वो” हमसे मिलने हमारे कॉलेज आया था। हम तीनों ने उस दिन कॉलेज कैन्टीन में साथ साथ लंच लिया, इधर उधर की बातें हुई। भविष्य को लेकर अपने अपने सपने शेयर किए हमने।”उसने” बताया.. “कल “वो”हास्टल जा रहा है और उसे हम सब की … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 9 ) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

“चल कुछ लेकर आया जाए।” ये कहते हुए संगीता की नजर उस पर पड़ी।  “मजनूं बैठा है तेरी बगल में।” कुछ जोर से संगीता ने कहा।  “क्या कह रही है तू?” मैंने आँखें तरेरी। “तुम यहाँ कैसे?” संगीता ने उससे पूछा और मैंने मुस्कान बिखेरी।  “जैसे तुम दोनों यहाँ, सिनेमा देखने।” उसने भी उसी तरह … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 8 ) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

“वर्तिका, आ जाओ नीचे, बारह बज गए हैं। टिकट नहीं मिलेगा।” संगीता थोड़ी देर में ही आवाज लगाने लगी।  उसने धानी रंग की शर्ट और काले रंग की स्कर्ट डाले हुए थी और बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। मैं पजामा कुर्ता डाले ही चल दी। चेहरे पर कोई रंग रोगन नहीं, यहाँ तक कि … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 7) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

“तेरे तो कजरारे नयन भी बरसने के लिए भी तैयार बैठे हैं।” संगीता के इतना कहते ही मैं उससे लिपट गई और मेरी आँखों से खुशी भरी गंगा यमुना की धारा बह निकली।  “तेरे तो कजरारे नयन भी बरसने के लिए भी तैयार बैठे हैं।” ऐसा कहते ही संगीता ने मुझे आलिंगन में ले लिया … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 6) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

“आज का प्रोग्राम सबके सहयोग से काफी अच्छा रहा। आज का मौसम भी अजीब रहा। मौसम ने आज कई रूपों में अपनी सुंदरता प्रदर्शित की है। कभी बारिश की फुहारों ने मिट्टी की सुगंध से हमें नहला दिया। कभी आसमान में बिखरी हुई बौछार ने सूरज की किरणों के साथ ऑंख मिचौली खेलती सी लगी … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 5) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

“कार्यक्रम में इतना उत्साह आ गया था कि जिन्होंने कभी दो पंक्ति भी नहीं लिखी थी, वो भी दो क्या छः पंक्ति की कविता फटाफट रच कर बोल रहे थे। क्या दिन थे वो भी!” वर्तिका की आवाज़ में वह उत्साह था जो उन दिनों के कार्यक्रम में छाया हुआ रहा होगा। सभी ने अपनी-अपनी … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 4) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

लंच की व्यवस्था बगल वाले हॉल में हुई और हम सभी वहां पहुंचकर आश्चर्यचकित थे। लंच के लिए नीचे चादरें बिछाई गई थी, जो हमें गाँव के समारोह की याद दिला रहा था। खुशबूदार चादरों पर बैठकर हमने एक दूसरे के साथ खाना बाँटने का आनंद लिया। मेरे पास पहले से इस तरह के समारोहों … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 3) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

मैं खुद को आइने में देखकर पहचान नहीं रही थी। अब मुझे चिंता हो गई कि अगर उसने भी मुझे नहीं पहचाना तो, ये सोचते ही मैं रुआँसी हो गई। मुझे ऐसे देखकर माँ ने पूछ ही लिया, “क्या बात है बेटे.. तुम्हारा चेहरा क्यूँ मुरझा गया? बालों का बनावट बदल दूँ क्या?” माँ को … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 2) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

घर जाकर मैंने पीली साड़ी के लिए पूरा घर सिर पर उठा लिया। माँ के पास तीन चार पीले रंग की साड़ी थी, सब एक से बढ़कर एक। उस दिन मुझे एक भी साड़ी पसंद नहीं आई।  “चल बाजर चल कर ही ले आते हैं साड़ी और गजरा भी ले लेना, सुंदर लगेगी।” माँ ने … Read more

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