बाबुल की दहलीज – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

समूचा आकाश उस नन्ही चिड़िया के करुण क्रंदन से गूंज उठा, पक्षियों के पंखों और  चींचीं की ध्वनि मीता के कानों में गूंज उठी जो सुंदर कलरव अभी तक कानों में मिश्री सा घोल रहा था और उसके व्यथित हृदय को वह कुछ शांति दे रहा था,अब  इस ध्वनि मे पक्षियों का भय सुनाई देता … Read more

जनक – रवीद्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi

दरवाजे की घंटी बजी. प्रातः काल के दैनिक कार्यों में व्यस्त सौम्या ने अपने बेतरतीबी से बिखरे बालों को रबरबैंड में बंधा और दरवाजा खोल दिया. एक अत्यंत साधारण कुरता पायजामा पहने हुए ग्रामीण सा व्यक्ति दरवाजे पर खड़ा था. सौम्या ने प्रश्नसूचक निगाहों से उसकी तरफ देखा. अजनबी ने कहा “तुम… आप सौम्या हैं.” … Read more

“बाबुल की यादें ” – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रमा बड़े दिनों बाद बहू बेटे के साथ अपने घर आई थी,घर बहुत गंदा हो गया था।बहू ने किचन संभाल ली और रमा घर की साफ-सफाई करने में जुट गई।रमा ने अपनी अलमारी को साफ करने के लिए जैसे ही खोला तो उसमें से एक फाइल निकलकर नीचे गिर गई।उसने फाइल को उठाया और खोलकर … Read more

बाबुल। – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

आज शादी का दिन भी आ गया, और अवनि दुल्हन बन कर अपने बाबुल का घर छोड़ कर अजय का हाथ थामकर ससुराल के लिए रवाना हो गई।  जैसे जैसे विदाई की गाड़ी आगे बढ़ रही थी।  ससुराल नज़दीक होते जा रहा था और मायका पीछे छूटता जा रहा था।   अवनि की नज़रों से बाबुल … Read more

बाबुल। – कामनी गुप्ता*** : Moral Stories in Hindi

मोहिनी का मन धीरे धीरे शांत हो रहा था। बहु का गुस्से भरा मुंह बात – बात पर देखकर हमेशा खुश रहने वाली मोहिनी भी असहज हो जाती थी। पति विनय से बात करके थोड़ा सुकून तो मिलता था पर अब बुढ़ापे में वो अपनी वजह से कलह नहीं चाहते थे। बेटा जब भी बात … Read more

“जो रिश्ता विपत्ति बांटने के लिए बनाया जाता है वह खुद संपत्ति बांटने के चक्कर मे बंट जाता है।” – भगवती सक्सेना गौड़ : Moral Stories in Hindi

आज हरिद्वार से घूमकर एक माह बाद सिद्धेश्वर जी अपनी पत्नी के साथ घर आये। गेट पर ही नेमप्लेट लगी थी…चार्टर्ड एकाउंट रमेन्द्र गोयल। अचानक ये नए रूप में मेन दरवाजे पर देखकर कुछ चुभा। पर वह बोले नही कुछ, अभी तक बाबूजी के देहांत के बाद यह बड़ा सा दुमंजिला घर बाबूजी के ही … Read more

मां का घर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

एक बेटी के लिए बाबुल का घर छोडना आसान नहीं होता।मायका चाहे जैसा हो अमीर गरीब लेकिन वहां की स्मृतियां एक बेटी के लिए अकल्पनीय होती है ।वह उम्र भर वहां की स्मृतियां संजोए रहती है । उसको कभी भूल नहीं पाती है । ससुराल में आकर तमाम जिम्मेदारियों में फंसकर भी बाबुल की यादें … Read more

“जिम्मेदारी का एहसास”-मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

यह कहानी कोई मनगढ़ंत या काल्पनिक नहीं बल्कि सच्ची घटना पर आधारित है ।कहानी की संवेदनशीलता को देखते हुए ,उनके नाम  बदल दिये गये हैं । पुष्पा—! कब जाना है तुम्हें- मायका—? मैं उस और ही जा रहा हूं सोचा तुमसे पूछ लूं।  रजत मोटरसाइकिल पोछते हुए बोला । शादी के अभी दो महीने ही … Read more

बाबुल तेरे आंगन की मैं तो एक चिरैया…!! : Moral Stories in Hindi

“जय दुर्गा मां!,आज हमारे घर लक्ष्मी आईं हैं आपको प्रणाम!”दस साल की राधा मंदिर में अपनी गोद में गाय की एक छोटी सी बछिया को लेकर भगवती के दर्शन कराने लेकर आई थी। जैसे ही घंटी बजाकर वह बाहर निकली उसके पिता पंडित उमाकांत जी उसके सामने आ गए। उन्होंने राधा को बछिया के साथ … Read more

बाबुल की गलियां – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

रिया की उम्र करीब पैंतालीस हो गई थी वह स्वयं दो प्यारे से बच्चों की माँ बन गई थी किन्तु अभी भी मायके की याद आते ही उसका मन विचलित हो उठता। बार-बार वह बाबूल के घर, उन गलीयों में स्कूल की यादों में खो जाती और वहां  जा कर एक बार फिर से उन्हें … Read more

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