बहु आँखों में आंसू भर अपने सास के पांव पर झुक गई – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

सुनो रजत, मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती , आखिर मैं अकेली क्या क्या करूँ।  मुझे घर दफ़्तर सब देखना पड़ता है और अभी कुछ टाइम में हमारे बीच एक बच्चे की ज़िम्मेदारी भी होगी , ऐसे में तुम्हारी माँ की ज़िम्मेदारी भी मुझे ही उठानी पड़ रही है , वो ख़ुद तो सारा … Read more

बहु आंखों में आसूं भर अपने सास के पांव पर झुक गई – सांची शर्मा : Moral Stories in Hindi

एक औरत के लिए उसके पति की खुशी और उनके मान सम्मान से बढ़ कर कुछ नही होता पर क्या एक पति भी अपनी पत्नी के मान सम्मान की रक्षा अपने ही घर में कर पाता है? कामिनी जी और उनके पति पंकज जी का इकलौता बेटा अभिनव जो उनकी शादी के ६ साल बाद … Read more

सास बहू का सुखद मिलन – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

किरण अभी ग्रेएज्यूशन के अन्तिम वर्ष की छात्रा थी हँसी-खुशी मौज मस्ती में दिन गुजर रहे थे। मम्मी-पापा की स्नेहिल छत्र छाया ये दोंनों बहन भाई पल रहे थे। पढना लिखना आपस में नोंक-झोंक  घूमना-फिरना सिवा पढ़ाई के और  किसी काम की कोई चिन्ता नहीं थी। अब उसके मम्मी-पापा ने उसकी शादी की तैयारी शुरु … Read more

बहू आँखों में आँसू भरकर अपने सास के पाँव में झुक गई – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

गौरीशंकर को आज अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था । एक सप्ताह पहले उन्हें दिल का दौरा पड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था । उनका बड़ा बेटा सुबोध अमेरिका में रहता था ।  इसलिए पिता को देखने नहीं आ पाया था । छोटा बेटा सतीश बैंगलोर में रहता था वह पिता … Read more

माँ भी तो सास है – विभा गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

   ” अरे यार…आज तो मैं मुक्त हो गई…सास नाम की घंटी से अभी ही पीछा छुड़ाकर आई हूँ।चल..’ओरियेंट माॅल ‘ में चलकर पार्टी करते हैं…।” रीमा अपनी सहेलियों से सोफ़े पर बैठकर फ़ोन पर बातें करती जा रही थी।पास बैठा राहुल लैपटाॅप पर अपना काम कर रहा था लेकिन उसका ध्यान रीमा की बातों पर … Read more

” समय की सीख ” – शशि कांत कुमार   : Moral Stories in Hindi

एक बात कान खोलकर सुन लीजिए मां जी अगर आपने दोबारा रजनी को इस घर में बुलाया तो मुझसे बुरा कोई नही होगा कह देती हूं। लेकिन बहु , रजनी मेरी बेटी है कोई गैर थोड़े ना है जो इस घर में नही आ सकती बेटी होगी आपकी इसलिए अगर आपको अपनी ममता दिखानी है … Read more

*लौटता वजूद* – बालेश्वर गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

  सच कहूं सुचि, मैं शादी करना ही नही चाहती।मेरे मन मे हमेशा एक डर सा बैठा रहता है, मैं भयभीत रहती हूं।        शालू कैसी बहकी बहकी बाते कर रही हो।तुम्हे किस बात का डर?अरे शादी तो एक दिन सभी को करनी ही होती है।        सुचि की बात सुनकर शालू चुप हो गयी।वो अपने मन की … Read more

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