शराब की पार्टी – नेकराम : Moral stories in hindi

सूरज सुरेश रमन तीनों दोस्तों ने अलग से समीर को पार्टी करने के लिए कहा था देख समीर तेरे जन्मदिन पर शराब की बोतले खुलेंगी जमकर डांस होगा सूरज के दो फ्लैट है एक फ्लैट खाली पड़ा है सूरज वही पार्टी की व्यवस्था कर देगा दोपहर 12:00 बजे पार्टी शुरू करेंगे शाम तक पार्टी चलेगी … Read more

एक स्त्री की चाह “आत्मसम्मान”- संध्या सिन्हा  : Moral stories in hindi

रसोई का सारा काम निपटा कर विभा अपने बेडरूम में आयी तो देखा वैभव बड़े आराम से सो रहे थे लेकिन तकिया नीचे गिरी हुई थी। उसने एक प्यार भरी निगाह ड़ालते हुए तकिया बेड़ पर रख कर शावर लेने चली गयी। लौट कर आयी तो वैभव को कोई किताब पढ़ते हुए देख चौंक गयी। … Read more

माँ को दर्द हुआ तो समझ आया सास का दर्द – आराधना सेन : Moral stories in hindi

“हाँ माँ आज कैसी हो तबियत ठीक हैं न “हाँ रे ठीक हुँ छूटकि क्या कर रही हैं गोलू स्कूल गया हैं। हां माँ तभी तो घर मे शान्ति हैं वरना आपसे बात हो पाती क्या उधम मचाये रखता हैं पुरे घर मे दोनो मिलकर। हां रे भैया भी बोलता हैं सोनू की भी आजकल … Read more

तुम्हारा तो ये रोज का नाटक है – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

” क्या बात है पीहू आज इतना उदास क्यो हो तुम ?” स्कूल से घर लौटी अपनी पांच साल की बेटी से नीलम ने पूछा। ” कुछ नही मम्मा मुझे भूख लगी है !” पीहू हाथ धो कुर्सी पर बैठती हुई बोली। ” बेटा टिफ़िन तो दिया था मैने क्या तुमने वो नही खाया ?” … Read more

असली हीरा – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

अम्माजी , आज भइया आएँगे, होली का सामान लेकर । चाय के साथ थोड़ा सूजी का हलवा लूँ क्या?  कल पापाजी भी कह रहे थे कि बहुत दिनों से हलवा नहीं बनाया ? भाई के लिए बनाना है पापाजी का नाम लेकर ? पता भी है, देशी घी का क्या भाव चल रहा है  , … Read more

पवित्र पापी –   बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

  मेरे कंधे पर सिर रखकर फफककर रोने वाले 76 वर्षीय मोहन जी के प्रति मेरे मन मे वितृष्णा ही पैदा हो रही थी।मेरे मन मे बार बार आ रहा था कि एक बार कह दूं अरे मोहन बाबू क्यों नाटक कर रहे हों? मेरा उनसे बहुत पुराना परिचय नही था इस कारण संकोचवश कुछ न … Read more

औरत की इच्छा का मान सम्मान – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

“ क्या बात है सुधा … आज तेरे चेहरे पर ऐसी मायूसी क्यों है …कल तक तो तू ठीक लग रही थी… आज अचानक क्या हो गया ।”पड़ोस में रहने वाली हमउम्र सखी रेवती ने सुधा से पूछा  दोनों हर शाम बैठ कर थोड़ी देर गप्पें मारा करती थी “ क्या ही बोलूँ रेवा….. यार … Read more

बड़बोली – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

कमरे में चारों ओर बैठी औरतें और ख़ासतौर पर युवतियाँ नीरजा की बातों को सुनकर सम्मोहित हो गई थी । उम्र भले ही ढलान पर थी पर  दिल कभी बूढ़ा नहीं होता । अधेडावस्था को पार करती हुई पार्वती बोल पड़ी—- हाय! जीणा तो सहर की लुगाइयों का , यहाँ तो सारा दिन खाओ ना … Read more

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