बंद करो अपना नाटक – मनीषा सिंह : Moral stories in hindi
“प्रतिज्ञा बेटा स्नान कर ले— कई दिन हो गए तुमने स्नान नहीं किया ठंड भी कम हो गई है जा स्नान कर ले—- ।मैने गीजर ऑन कर दिया है ! फिर हम इकट्ठे ही नाश्ता करेंगे,! जल्दी जा अब—–। अंबिका जी नाश्ता की प्लेट लगाते हुए बोली । प्रतिज्ञा बूझे मन से टॉवल ले स्नान … Read more