नीलांजना ( भाग-11 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…”चोट सचमुच मेरे सर में लगी है… पर आपका सर तो ठीक है ना… अगर कोई सफल न हो… तो क्या उसे जीने का हक नहीं होता…!” ” देखो अभिनव दत्ता… पहेलियां मत बुझाओ…!” उसके बाद… अभिनव ने बिना नीलांजना जी का पता बताए… उनके हरिद्वार से निकलने के बाद क्या हुआ… कैसे हुआ… सब … Read more

नीलांजना ( भाग-10 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…लगभग एक हफ्ते हो गए थे… अभिनव को उस घर में… अब वह पहले से बहुत ठीक था… इस बीच नीलांजना जी और उनकी बेटियों ने अभिनव को कभी किसी कमी का एहसास नहीं होने दिया… शांभवी तो पूरी तरह घुल मिल गई थी भैया से… उसकी पढ़ाई में भी बहुत मदद मिल रही थी… … Read more

नीलांजना ( भाग-9 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

नीलांजना ने आगे कहना शुरू किया … ” मैंने अस्पताल से घर में फोन किया था… मैं नागार्जुन से शायद सब कह देती उसी दिन… मगर फोन मेरी अम्मा… अंकिता की दादी ने उठाया था… नागार्जुन तब तक घर नहीं आए थे… अम्मा ने अंकिता की हालत सुनने के बाद… मुझे घर आने से मना … Read more

नीलांजना ( भाग-8 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…सबसे पहले तो उसे नागार्जुन जी को कोई अपडेट देना था… वरना वह उसका ही पीछा करना शुरू न कर दें… अभिनव ने अपने फोन को कई बार सेट किया… यहां वहां ठोक लगाई… मगर उसमें कोई हलचल नहीं हुई… बैग से चार्जर निकाल… आखिर उसने मोबाइल को चार्ज में लगाया… करीब 2 घंटे लगातार … Read more

नीलांजना ( भाग-7 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…अभिनव दत्ता ने अपने दोनों हाथ जोड़कर नीलांजना जी से धन्यवाद कहा… कुछ और बोलना चाह रहा था… कि उसने अपने सर में थोड़ा चक्कर महसूस किया… वह चुप हो गया… नीलांजना जी शायद समझ गईं… उन्होंने देर ना करते हुए आवाज लगाई… “शांभवी… बेटा भैया के लिए हल्दी वाला दूध ले आओ… वहीं टेबल … Read more

नीलांजना ( भाग-6 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…अभिनव को अधिक इंतजार नहीं करना पड़ा… अगले दिन सुबह ही निधि ने फोन किया… ” भैया शांभवी का मैसेज आया था… रात को… दरअसल वे यहां हैं ही नहीं… उसने लिखा… कि उसकी मदद कोई नहीं कर सकता… वे कोलकाता आ गए हैं…!” ” ठीक है निधि… अब तुम छोड़ दो… तुम्हारा बहुत शुक्रिया… … Read more

नीलांजना ( भाग-5 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…एक पूरे दिन सफर करने के बाद वह बेंगलुरु पहुंचा… हॉस्टल के नंबर से… हॉस्टल का पता लगाता हुआ… पहले शाम्भवी के हॉस्टल में पहुंचा… उसका मोबाइल नोट रीचेबल आ रहा था… हॉस्टल वार्डन से पता चला कि 10 दिन पहले वह कमरा खाली कर चुकी है… कहां गई इसका कोई रिकॉर्ड वहां नहीं था… … Read more

नीलांजना ( भाग-4 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…सुबह चित्रकूट के राम घाट पर सतरंगी नावों की दुनिया… बंदरों की उछल कूद… ऊंची सीढ़ियों के ऊपर चढ़कर बैठे… सीताराम, लक्ष्मण और हनुमान के दर्शन कर नीला… बड़े से हनुमान की प्रतिमा को बड़ी देर तक निहारती रही… शायद प्रतिमा कुछ कह रही थी… नीला ने सुना… शायद वह कह रही थी… ” एक … Read more

नीलांजना ( भाग-3 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…पिछले 24 सालों में… कई बार अलग-अलग तरीकों से उसने अम्मा और अर्जुन को तैयार करने की कोशिश की… कि चलिए एक बार घूम कर आते हैं… पर सासू मां का तो बस एक ही कहना था… ” मेरे चारों धाम, तीर्थ, व्रत सब मेरे घर में ही हैं… मुझे कहीं भीड़ भाड़ में नहीं … Read more

नीलांजना ( भाग-2 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

अंकिता और शांभवी दोनों बहने हॉस्टल में थीं… बीस साल की अंकिता इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी… बेंगलुरु में… और शांभवी 15 साल की अभी 11वीं की छात्रा थी… घर में एक बूढी दादी थी… उन्हें दीन दुनिया से कोई मतलब नहीं था… केवल खाना खाया… दवाई ली… और अपने कमरे में रिमोट हाथ … Read more

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