धुंधली पड़ती शाम (भाग-4) (अंतिम भाग) – पूनम बगाई : Moral stories in hindi
रोहन ने एक गहरी सांस ली और निशा की तरफ देखा, जैसे वो इस पल में हर शब्द सोच-समझ कर बोलना चाहता हो। उसकी आँखों में पश्चाताप का सागर था। हाथ जोड़कर उसने कहा, “निशा, मैं जानता हूँ, मैंने तुम्हें और अभी को बहुत तकलीफ़ दी है। मैंने तब साथ नहीं दिया जब सबसे ज़्यादा … Read more