धुंधली पड़ती शाम (भाग-4) (अंतिम भाग) – पूनम बगाई : Moral stories in hindi

रोहन ने एक गहरी सांस ली और निशा की तरफ देखा, जैसे वो इस पल में हर शब्द सोच-समझ कर बोलना चाहता हो। उसकी आँखों में पश्चाताप का सागर था। हाथ जोड़कर उसने कहा, “निशा, मैं जानता हूँ, मैंने तुम्हें और अभी को बहुत तकलीफ़ दी है। मैंने तब साथ नहीं दिया जब सबसे ज़्यादा … Read more

धुंधली पड़ती शाम (भाग-3) – पूनम बगाई : Moral stories in hindi

तलाक की अंतिम तारीख नज़दीक थी। पांच साल गुज़र चुके थे, लेकिन इन सालों में निशा और रोहन दोनों ही ज़िंदगी के एक अनकहे दर्द से जूझ रहे थे। रोहन ने वकालत में खूब नाम कमाया था, वह अब आत्मनिर्भर हो चुका था। हर तरफ तारीफें बटोरने के बावजूद, उसके दिल में एक खालीपन हमेशा … Read more

धुंधली पड़ती शाम (भाग-2) – पूनम बगाई : Moral stories in hindi

निशा भारी मन से अपने मायके पहुंची। दरवाजे पर खड़े उसके पिता, श्री शर्मा, पहले से ही समझ गए थे कि कुछ गलत हुआ है। निशा की आंखों में सैलाब छिपा था, लेकिन चेहरा दृढ़ता से भरा था। घर में दाखिल होते ही उसकी आँखों से आंसू फूट पड़े। वह अपने पिता के गले लग … Read more

धुंधली पड़ती शाम (भाग-1) – पूनम बगाई : Moral stories in hindi

रात का सन्नाटा धीरे-धीरे घर के हर कोने में घुल रहा था। घड़ी की सुई ने दस बजाए ही थे। परिवार के सभी सदस्य डिनर के बाद अपने-अपने कमरों में जाने की तैयारी में थे। हवा में बस एक हल्की सी हलचल थी, जैसे कोई तूफान आने को हो, लेकिन सब अपनी-अपनी दिनचर्या में व्यस्त … Read more

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