देवकन्या (भाग-3) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

अब तक—- विशालपुरी,  उन्नतिशीलता की दृष्टि  धन सम्पदा  से परिपूर्ण  नगरी थी “व्यापारिक दृष्टि  से भारत वर्ष  के सभी राज्य इस नगर से जुडे हुए “ऐतिहासिक  दृष्टि से परिपूर्ण नगर खुद मे बहुत कुछ समेटे हुआ ” था”””उसी विशालपुरी  को पुरी नाम से भी जाना जाता था”””मगध के राजा का,राजनायक  सेनापति दक्षांक  था,जो शूरवीर के … Read more

देवकन्या (भाग-2) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

अबतक आपने पढा”” पुरी,  उन्नतिशीलता की दृष्टि  धन सम्पदा  से परिपूर्ण  नगरी थी”व्यापारिक दृष्टि  से भारत वर्ष  के सभी राज्य इस नगर से जुडे हुए थे”ऐतिहासिक  दृष्टि से परिपूर्ण नगर खुद मे बहुत कुछ समेटे हुआ “”” था””” आगे—— ढोल ताशे बज रहे है,लगता है पुरी मे कोई उत्सव है,, चपला ने पास बैठी स्त्री … Read more

देवकन्या (भाग-1) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

ये गाथा  शुरू होती है,उस समय से जब ,विशालपुरी के युवराज  ने,संसारिक जीवन से वैराग्य जीवन को अपनाया, पिता महाराज सिद्धार्थ  ने  जीवन से मोह त्याग कर खुद को कोपभवन  में कैद कर लिया,चारों ओर अराजकता फैल गयी” प्रजा ने क्रोधित होकर ,एक दूसरे  पर  आरोप प्रत्यारोप लगा दिये” युवावर्ग, —-अक्रोशित हो,राज्य को नष्ट करने … Read more

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