देवकन्या (भाग-23) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

जिज्ञासा “””” इनको सुनकर पवन के दबाब से् दृव एंव पदार्थों मे घर्षण होती है,जिससे स्वर निकलता है, जो स्वाभाविक क्रिया है”परन्तु अर्थहीन होते है ये स्वर”जिनका कोई सार नही”””पुत्री परन्तु बाबा”””‘ इनको सुनकर ऐसे मन उद्देलित होता है,जैसे पग मे  कुछ बांधकर  दौड जाऊं”और उससे कुछ ऐसा स्वर झकृत हो ,जैसा स्वर  इस घर्षण … Read more

देवकन्या (भाग-22) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

सोलहा कलाओं की कन्या  का रहस्य “”” कंधे पर स्वेतम्बर की झोली”उसमे हृदय के समीप दक्षांक  को टुकुर टुकुर देखती अमरा   को लिऐ”आंगन मे प्रवेश  करते है! लकडियो का बोझ  धरा पर पटकते हुऐ”झोली मे झांक कर पुत्री की ओर देखते है”””दृष्टि डालते ही सारी थकान मिट जाती है”” गमछे से पसीना पोछकर पुत्री … Read more

देवकन्या (भाग-21) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

मामत्व का त्याग- *************  देवी चन्द्रबाला के नेत्रों  से ममता द्रव की भांति  निरंतर बह रही थी! दक्षांक ने प्रश्नवाचक दृष्टि से देखा””” फिर दूसरी ओर मुहं करके हाथ जोड लिऐ “”” भगवन्  “”” क्षमा –पित्रवात्सल्य  के कारण””कही मुझ अधर्मी से अपराध तो नही हो गया! भगवन्  महावीर वात्सल्य वस्तु मुस्कुराते  हुऐ, देवी चन्द्रबाला पर … Read more

देवकन्या (भाग-20) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

वैराग्य – ******”” मैने लडखडाते कदमों से ,मठ मे प्रवेश किया””” वहा काफी भीड थी””””” सभी मुझे आश्चर्य  से देख रहे थे”””” अचानक  से सबकी आवाजे एकसार  हो कर ,मेरे कानों मे गूजंने लगी” और मै अचेत हो गयी!!!!! जब आंख खुली तो मैने देखा सामने,भगवान महावीर ध्यानमुद्रा मे तल्लीन  थी””””मै उठकर उनके चरणो मे … Read more

देवकन्या (भाग-19) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

अधिकार “” ********” कौशम्बी नरेश”””” क् क्या “”” मै “”” इतनी बडी भूल”””कैसे “”” अब क्या करूं तरूणी,तू ही बता”””मेरे अश्रु बह निकले””” राजकुमारी””” धैर्य रखो”””कुछ सोचने दो””” राजकुमारी”””  हम उनके अधीन है,वो हमारा हर तरह से उपभोग कर सकते है,,,बस अब आपको कुछ दिन धैर्य रखना होगा! रात्रि फिर आयी”””मै क्रोध मे थी””” वो … Read more

देवकन्या (भाग-18) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

(देवकन्या अनमोल कृति) अभ्यास “”” ******* कौन था ये मित्र “””‘ मुझे नही पता “”” तो पता करो, एक सैनिक ने आकर हर्षदेव को सावधान किया””” कुंवर हर्षदेव  आप मेरे मित्र  है, अभी आप देवी देवकन्या  के साथ  प्रस्थान  करे””” कुछ नवयुवक तरूण इधर ही आ रहे है”””” वो मद्यपान  पीकर धुत है ,,,बेवजह ही … Read more

देवकन्या (भाग-17) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

प्रशिक्षण- ******** सखी रूको””” मधूलिका आगे आकर अमरा का रास्ता रोककर खडी हो गयी”””‘ मधूलिका पर प्रश्नवाचक दृष्टि डाली अमरा  ने”””” वहां तुम्हारे लिऐ खतरा हो सकता है “”” मै जाऊंगी “”” द्धार खोलकर आगे बढ गयी_मधूलिका”__ रेशमी पर्दे के पीछे खडा तरूण अचानक  बाहर आ गया””” कौन””” मै संदेशवाहक “”” क्या संदेश लाये हो””” … Read more

देवकन्या (भाग-16) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

चंपापुरी  की राजकुमारी””” ************** देवी कौन हो तुम “”” मै समय की मारी एक स्त्री”” अपना जैविक परिचय दो भगवती”””” अश्रुबूंदे   छलक आयी उस युवती के चेहरे पर”” वो विलख उठी”””उसके अधर उसका साथ न दे रहे थे”” मै चंपा नरेश, दधिवाहन, रानी धारणी की पुत्री, राजकुमारी,चद्रबाला हूँ। उस युवती  ने इधर उधर पलट … Read more

देवकन्या (भाग-15) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

अधिकार””””” ये रूको” पीछे से आवाज सुनकर दोनों ,युवतियां ठिठक कर रूक गयी””” आपने  किसकी अनुमति से राज उद्यान मे प्रवेश किया “”” मेरे स्वंयम् की” ,पलट कर बोली अमरा” अरे देवी  देवकन्या आप ,मेरा सौभाग्य  की आपके दर्शन हुऐ””” मै राज्यआज्ञा से आया हूं “” क्षमा देवी”” महाराज को कुछ संदेह   था” आप … Read more

देवकन्या (भाग-14) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

अज्ञात तीन वर्ष” **********”” मान्यवर ”यदि आप कीचिंत मात्र  भी नारी का सम्मान करते हो तो तीन वर्ष की आवधि तक आप देवी  देवकन्या,से दूर रहना “” ठीक है राजनायक, ये बात मै नही भूलूंगा की आपने मेरा अपमान  किया, तीन वर्ष के बाद मै   देवी  देवकन्या”  से यही मिलूंगा””क्रोध से पैर पटकता हुआ … Read more

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