मेरे अपने – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi
लाजो सुबह जल्दी उठकर खेतों की तरफ़ चल उठी । मन ही मन सोच रही थी—- दस बजे तक हाथ चलवाकर , खुद साथ खड़ी होकर गेहूँ कटवाऊँगी । जेठ- देवरों के सहारे जीवन कटने से रहा …..दो साल हो गए… पूरी ज़मीन उन्हीं को सौंप रखी थी ये सोचकर कि बच्चे की पढ़ाई का … Read more