मेरे अपने – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

लाजो सुबह जल्दी उठकर खेतों की तरफ़ चल उठी । मन ही मन सोच रही थी—- दस बजे तक हाथ चलवाकर , खुद साथ खड़ी होकर गेहूँ कटवाऊँगी  । जेठ- देवरों के सहारे जीवन कटने से रहा …..दो  साल हो गए… पूरी ज़मीन उन्हीं को सौंप रखी थी ये सोचकर कि बच्चे की पढ़ाई का … Read more

झिलमिल सितारों का आंगन होगा – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

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आज रेवा और सुकेश की शादी थी। दोनों का प्रेम विवाह था। पर दोनों तरफ के घर वाले भी रजामंद थे, इसलिए शादी बेहद धूमधाम से संपन्न हुई। दोनों 15दिन के लिए हनीमून पर इटली भी हो आए। दोनों अच्छी खासी फैमिली से थे, तो परिवार में पैसे की तंगी तो थी नहीं। और सुकेश … Read more

” स्वार्थी संसार ” – साधना वैष्णव : Moral Stories in Hindi

    एक बार एक व्यक्ति प्रतिदिन   की भांति अपनी फैक्ट्री जा रहा था, रास्ते में वह एक घर के पास पहुँचा ही था कि किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। उसने आस-पास देखा कहीं कोई दिखाई नहीं दिया। जिस घर के पास बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी, वह घर तो … Read more

रेत का घरौंदा (झूठे रिश्तों से मुक्ति) – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

” मैंने तुमसे क्या कहा था ना, मीरा को बेवकूफ़ बनाकर शीशे में उतारना बहुत आसान है।तुम बेवज़ा डर रही थीं,अब मीरा  हमारे बच्चे को पालेगी और हम दोनों जीवन का आनंद उठाते रहेंगे”। मीरा जो पानी पीने के लिए रसोई में आई थी अपने पति की बात सुनकर स्तब्ध रह गई। ” हां तुम … Read more

स्वार्थी पड़ोसन – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 दोस्तों आज मैं आपको एक बहुत ही मजेदार वाक्या सुनाने जा रही हूं। वैसे तो मैं उस समय बहुत परेशान हुई थी। पर अब सो कर बड़ा अजीब लगता है। तो हुआ यूं कि हमारे बिल्कुल सामने वाला घर बिल्कुल खाली पड़ा था। हमें लगता था कि वहां कोई रहने आ जाए तो रौनक हो … Read more

आत्मा की तकलीफ – अनिता मंदिलवार “सपना” : Moral Stories in Hindi

दोपहर दो बजे रीना की आँख खुली । उनींदी आंखों से देखी अभी तो रात ही है और फिर उसने कॉलेज से छुट्टी ले ली थी । आँखें बंद किया रात में लिखी कविताओं के बारे में सोचा इतने लाइक इतने कमेंट बहुत ही संतुष्टि हुई । बरसों उसकी डायरी लिखने की आदत अब काम … Read more

तकलीफ़ – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

  मेरी आत्मा को तकलीफ देकर तू कभी सुखी न रह सकती है। फोन पर स्पीकर से ताई जी का लगातार कुछ भी बोलना जारी था और आंखों में आंसू लिए मृदुल भाभी कुछ भी नहीं कह पा रही थी। मेरा मन हुआ मैं ताई जी को कुछ भी कहूं परंतु उन्होंने फोन बंद कर दिया … Read more

छोटे लोग – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

देख भाई योगेश,तेरा क्या सोचना है,मुझे नही मालूम,पर मैं अपना विचार तुझे बता देता हूँ।     क्या बात है बड़े भाई?कोई विशेष बात है?       हाँ,मैं जो कहने जा रहा हूँ, उस बात का यही ठीक समय है।योगेश पिताजी की दोनो किडनी खराब हो चुकी हैं।इलाज में भी काफी खर्च हो चुका है,अब डॉक्टर किडनी ट्रांसप्लांट करने … Read more

बंदनीया – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सुहाना एक व्यापारी की बेटी थी। पिताजी का अपना व्यापार था। तीन भाइयों के बीच अकेली बहन थी। पढ़ने लिखने में औसतन, फिर भी उसे कुछ कर दिखाने की चाहत थी।  एक दिन मां से बोली- मुझे अध्यापिका बनना है। मां ने सहमति में अपना सिर हिला दिया और कहा- बेटा,अपने कैरियर का बहुत सोच … Read more

नमक मिर्च लगाना : Moral Stories in Hindi

स्कूल की छुट्टी की घंटी बज चुकी थी। लेकिन आज सभी टीचर्स और स्टॉफ असेंबली हॉल में रुके हुए थे। आज प्रमोशन का रिजल्ट घोषित होने वाला था।  सभी आपस में एक दूसरे को अपने अपने अनुमान बता रहे थे। शीतल मैम, इस बार तो आपकी तरफ से दावत पक्की…इस बार तो आपको दो दो … Read more

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