इन बूढ़ी आँखों ने सबसे अटूट रिश्ते को टूटते देखे हैं – कामिनी मिश्रा : Moral Stories in Hindi

काश कि उस वक्त मैं तेरी माँ को नहीं रोकती ,  उसे मोहित के साथ जाने देती , तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता….. अपनी लाचारी दिखाकर मैंने तेरी माँ का घर बर्बाद कर दिया इतनी भी मैं बीमार नहीं थी कि मैं कुछ कर नहीं सकती थी  ।  इन आँखों ने अपने ही … Read more

समय की माँग – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

आज कई साल बाद मायके जा रही है नंदिनी, मन में उत्साह और मायूसी के मिले-जुले भाव हैं,  कैसा मायका.. कहाँ रहे माँ-बाप और वो बहनें..  कैसा रुआसा हो आया उसकी मन. बहनें… शब्द में ही कितना अपनापा लगता है ना..  नंदिनी,नलिनी,निशा और नेत्रा.. चार बहने थीं वे.. थीं… क्योंकि अब वो बहनें नहीं रहीं.. … Read more

संवेदनहीन रिश्ते – शिप्पी नारंग : Moral Stories in Hindi

मंदिर के प्रांगण में 44 वर्षीय स्वाति की श्रद्धांजलि सभा अब समाप्ति पर थी । शांति पाठ के बाद दो मिनट का मौन खत्म होने को ही था कि निस्तब्धता को भंग करती कुछ आवाजें प्रांगण में गूंजने लगी “नहीं निखिल,  रुको निखिल,  रुक जाओ बेटा”   शांत वातावरण में ये आवाजें एक धमाका सी … Read more

रोटी – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

अपने गांव के पड़ोसी टोले से मांगी गई रोटियाँ कारी के लिए अनमोल थी। अपने दो बच्चों के साथ तीन शाम तक भूख से लड़ने के बाद गिड़गिड़ाने और आरजू-मिन्नत करने के बाद उसे रोटियाँ नसीब हुई थी, उस टोले के सचिन की मांँ की मेहरबानी से।    नौरंगी जब जिन्दा था तो कारी रानी का … Read more

रिश्तेदारियाँ या दिखावा -प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नेहा आज सुबह से ही बेचैन थी। उसके पति प्रशांत ने पूछा भी था कि क्या बात है। आज इतनी परेशान क्यों हो, पर उसने टालकर उनको ऑफिस भेज दिया। उसकी सास मालती आज सुबह से ही मगन थी। बहुत खुश लग रही थी वो। जब भी उनके मायके या रिश्तेदारी में कोई विवाह शादी … Read more

टूटते रिश्ते -पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

महेश की बुआजी से फोन पर हुई बातों से गरिमा बहुत परेशान हो गई थी और सोचने पर मजबूर हो गई थी कि सही तो कह रही हैं बुआ जी जब से मैं इस घर में आई हूं अपनी सारी जिम्मेदारियां अच्छी तरह से निभाई है और जब मेरे बच्चों का समय आया तो मैं … Read more

रुखी थाली -शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

ये लोग यहाँ कब तक रहेंगे मनीषा अपने पति परेश से बोली। ये लोग कौन लोग। जिनके बारे में तुम बात रही हो वो कोई लोग नहीं हैं वरन मेरे मम्मी पापा हैं ।उनके लिए सम्मानित शब्दों का प्रयोग करो,और रही जाने  की  बात तो वे क्यों जायेगें।अपने  बेटे-बहू के पास रहने आए हैं अब … Read more

हिस्सा – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शरद ने अपनी पत्नी शुभी से कहा यह  तुम क्या कह रही हो कि मैं गांव जाकर बाबूजी से मकान व दुकान में अपने हिस्से की बात करूं,क्योंकि कानूनन मेरा भी हक बनता है कि मैं भी अपने भाई के साथ बराबर का हिस्सेदार  हूं,उस घर व दुकान में…   तुम इतनी खुदगर्ज कैसे हो सकती … Read more

टूटते रिश्ते – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पूरा आधा घंटा हो गया है तुमको आफिस से आते हुए और तुम हो कि अभी तक इस लैपटॉप को लिए बैठे हो, जाओ जल्दी से फ्रेश होकर आओ फिर बैठ कर साथ में डिनर करते हैं।आज मैने तुम्हारी पसंद के भरवां करेले बनाए है , मम्मी जी से रेसिपी पूछ कर,रागिनी ने अगम के … Read more

भाभी तो पारस है – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

भाभी.. अब आप जाकर थोड़ा सा आराम कीजिए बाकी का सारा काम मैं देख लूंगी! अरे नहीं दीदी.. आप अपने भाई बहनों के साथ बाहर हंसी मजाक कीजिए, गेम खेलिए ,सिर्फ दो-तीन दिनों के लिए तो आप आई हो उसमें भी आप मेरे साथ में बराबर से काम करवाती रहती हो, आपका मन नहीं करता … Read more

error: Content is Copyright protected !!