अपना किया खुद ही भुगतना पड़ता है… – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi
“उसका शरीर बुख़ार से तप रहा था …फिर भी तुमसे नहीं हुआ कि उसे दवा दे दो…. देखना सुचि कहीं ऐसा ना हो तुम उससे दूरियाँ बढ़ाती जाओ और तुम्हारे बच्चे तुमसे…।” जीवन जी की ये बात याद कर आज सुचि के बहते आँसू रूक ही नहीं रहे थे सुचि अपने कमरे में बुख़ार से … Read more