“टूटते हुए रिश्ते” – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi

नीलिमा जी ने अपने तीसरे और सबसे छोटे बेटे की शादी बड़े ही धूमधाम से संपन्न कर लिया। आज उनकी बहू विदा होकर आने वाली थी। नीलिमा जी ने उसके स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ा था। पूरे घर को दुल्हन की तरह सजवाया था। डाला -दउरा ,फूलों का हार,आरती का थाल जिसमें अक्षत- चंदन … Read more

अपने ही तोड़ते हैं रिश्ते – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

प्रिया शादी करके जब ससुराल आई तो पीछे मायके में चार छोटे भाई बहन और मां छूट गईं।बचपन से अपने भाई -बहनों को बच्चों की तरह पाला था प्रिया ने। शुरू शुरू में तो उनकी बहुत याद आती थी,सास समझती थी प्रिया की तकलीफ़।महीने दो महीने में भेज देती थीं।जाकर मिल आती थी तो तसल्ली … Read more

रिश्तों की समाधि… – विनोद सिन्हा “सुदामा” : Moral Stories in Hindi

आज़ वर्षों बाद बाबूजी की अस्थियां लिए,मैं उस शहर को लौटा था,जहां मेरा बचपन गुजरा था,जहां मुझे माँ की ममता मिली,पिता का प्यार मिला था, रिश्तों की परिभाषाएं समझ आई थी.! पता चला सप्ताह भर की मूसलाधार बारिश के कारण सड़क कहें या रास्ता ,जगह जगह गड्ढे पड़ गए थे और बरसाती पानी से नाले … Read more

और वो लौट आई – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रात्रि के दस बज चुके थे थकीहारी प्रिया ने जैसे ही अपने फ्लेट की डोर बेल दबाई सोमिल ने दरवाजा खोला और बड़े ही अनमने मन से बोला -“अरे,आ गईं..काफी देर कर दी।क्या ऑफिस में आज ज्यादा काम था?” प्रिया ने सोमिल के भावों को पढ़ लिया था।औपचारिक स्वर में बोली -“हां..आप लोगों ने खाना … Read more

क्या रिश्ते ऐसे टूट जाते हैं – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हेलो,रिचा, रिचा बेटा सुन रही हो, हां आंटी बोलिए मैं सुन रही हूं । बेटा तुम्हारी मम्मी ग्वालियर में आई ,सी यू में भर्ती हैं ।हालत नाज़ुक है ,ब्रेन हैमरेज हो गया है । बेहोश हो गई थी दो दिन हो गए आज बीच बीच में हल्का सा होश आता है तो वो बेहोशी की … Read more

टूटते रिश्ते – उषा शिशीर : Moral Stories in Hindi

रीना  ‍ रीना  पलट कर जब रीना ने अपने बचपन की साखी निशा को दिखा एकदम चौंक गई, अरे निशा तुम यहां, तुम तो गुड़गांव चली गई थी अचानक यहां कैसे।  अरे रीना चल गई थी, मगर अभी 2 वर्ष पूर्व पापा जी को अटैक आया, तो विवेक वापस दिल्ली आ गए अब पापा जी … Read more

पाप या पुण्य… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

धम्म से गिरने की आवाज सुनते ही… प्रभा उठकर लपकी तो अम्मा बीच में आ गई…” नहीं तुझे नहीं जाना… लता जाएगी… लता देख तो…!”  “जी अम्मा…!” ” नहीं मां… भास्कर मेरी राह देख रहा होगा…!” ” बोला ना नहीं… सिर्फ भास्कर ही नहीं यह चार दिन की नन्ही जान भी तेरी राह देख रहा … Read more

परिवार में चालाकियाँ बर्बाद कर देती हैं – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

माँ , बस करो , ये सब जो तुम कर रही हो ये परिवार में सही नहीं है।  अपना वर्चस्व क़ायम रखने के लिए तुम अपने ही परिवार में *फूट डालो राजनीती करो* की धारणा पर चल रही हो लेकिन आगे चलकर तुम्हारी ये चालाकियां तुम्हें कही का नहीं छोड़ेंगी ” अंजलि ने दुखी मन … Read more

सवंरते रिश्ते – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

राघव एवं माधव दोनों पेशे से इंजिनियर थे और एक साथ ही एक ही कम्पनी में ज्वाइन  किया था। स्वाभाविक था कि दोनों में मित्रता  हो गई।दोनों ही पहली कम्पनी से जाॅव बदल कर  आये थे ।इस समय वे अकेले थे सो साथ ही रह  लिए।  बाद में राघव ने एक बडा फ्लैट लिया कारण … Read more

वापसी टिकट – अर्चना सिंह: Moral Stories in Hindi

आराधना की डिलीवरी में तकरीब बीस दिन बचे थे । पहली डिलीवरी थी तो आराधना कुछ ज्यादा ही उत्साहित थी । समझ नहीं पा रही थी वो किसके लिए क्या खरीदे और किसके लिए क्या करे । एक तरफ तो उसे भर्ती होने की चिंता थी तो दूसरी ओर उसे अनिमेष की मम्मी का तानाशाही … Read more

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