झांसी की रानी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    ” भाभी…मेरे स्कूल का टाइम हो रहा है..टिफ़िन तैयार कर दीजिये।” श्रुति ने बिस्तर पर लेटी अपनी भाभी से कहा।    ” अभी देती हूँ…।” कहते हुए नंदिता उठने की कोशिश करने लगी तभी तनुजा आ गई और बोली,” दीदी..आप आराम कीजिये..श्रुति अपना टिफ़िन खुद तैयार कर लेगी।”    ” लेकिन छोटी भाभी…मुझे पराँठे बनाने नहीं आते..और … Read more

खुद का संडे – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नीलांश कई दिनों से देख रहा था कि निली काफी उदास और गुमसुम सी होती जा रही है।बस मशीन की तरह अपना काम निपटाती रहती है।ना हँसना न खिलखिलाना। माँ-पापा की चाय, बिट्टू-पिंकी की पढ़ाई, लंच-डिनर, उसका टिफिन, घर की साफ-सफाई सब काम बिल्कुल परफेक्ट, समय पर लेकिन खुद बिल्कुल बुझी-बुझी सी। जब भी नीलांश … Read more

रिश्तों की ज़िम्मेदारी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

      एक औरत अपनी ज़िम्मेदारियों से मुक्त हो जाये, ऐसा तो कभी हो ही नहीं सकता।बेटी,पत्नी,बहू,माँ,सास इत्यादि के रूप में वो हमेशा अपने कर्तव्यों का पालन करती रही है और करती रहेगी।       मेरा कहानी भी कुछ ऐसी ही है।तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी होने के कारण मुझे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ किचन में माँ का हाथ … Read more

आज का परिवेश” – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral Stories in Hindi

गौरी उठ जा बेटा “” समय देख”””ग्यारह पच्चीस हो गये! पापा आते ही होगें”””” मम्मी जी उठती हूं,बस पांच मिनट “”” उठ जा बेटा लोग क्या कहेंगें””” अरे””””कहने दो””” गौरी ने वापस कम्बल पैर से सिर तक खीच लिया “”” अब गार्गी क्या करे,लड्डू गोपाल को पहले भोग लगाये,या पति के भोग की तैयारी करे”””” … Read more

जिम्मेदारी कभी खत्म नहीं होगी – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

लता घर का सारा काम ख़त्म करके अपने कमरे में खिड़की के पास उदास बैठी हुई थी । दो दिन पहले ही वह हैदराबाद से वापस आई थी । उसे अपने कमरे में इस तरह से खिड़की के पास बैठना बहुत ही अच्छा लगता है । उसी समय फ़ोन की घंटी बजी अभी कौन हो … Read more

जिम्मेदारी कभी खत्म नहीं होगी – हेमलता गुप्ता: Moral Stories in Hindi

हां तो गायत्री बहन क्या सोचा फिर आपने.. चलने के बारे में! देखिए.. ज्यादा दिन की बात नहीं है सिर्फ दो दिन का टूर है हम रात को यहां ट्रेन से जाएंगे सुबह पहुंच जाएंगे अगले दिन रात की ट्रेन से चलेंगे उसके अगले दिन यहां वापस आ जाएंगे, इतना अच्छा  मौका मिल रहा है … Read more

अलग सा रोमांच – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  रामेश्वर दयाल जी के लिये यह झटका कोई कम नही था,उनके जैसे जीवट वाला व्यक्ति न होता तो उन्हें हार्ट अटैक ही हो जाता।66 वर्ष की उम्र में 35 वर्षीय बेटे तरुण की कोरोना में मृत्यु हो जाना,एक असहनीय दर्द था।32 वर्षीय उनकी बहू रागिनी और 8 वर्षीय पोते दीप का चेहरा उनके सामने से … Read more

सोने के कंगन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

मुग्धा, विवाह की पहली वर्षगाँठ की बहुत बहुत बधाई! आज मैंने दफ़्तर से छुट्टी ली है, चलो कहीं बाहर घूम कर आएँगे और खाना भी बाहर ही खाएँगे । अरे हाँ, माँ ने विशेष रूप से कहा है कि तुम्हारी मनपसंद कोई उपहार भी दिलवा दूँ, बताओ … क्या चाहिए? आपने कह दिया तो समझो … Read more

जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होंगी – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

मैं बाजार जा रही थी. बाजार में मेरी दोस्त प्रतिमा मिली. बहुत सालो बाद. कैसी हो? ठीक हूं! तुम बताओ?  मैं भी ठीक हूं डियर, बस बच्चों का कुछ सामान लेने आई थी, चलो साथ में बैठते है, मैने उसे बोला. आज नहीं किसी और दिन, आज मुझे बहुत काम है. प्रतिमा की मनुहार सुन … Read more

जिम्मेदारीयां कभी ख़त्म नहीं होंगी – कृति गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज नेहा का पहला दिन था ऑफिस में, कदम रखते ही मैनेजर नें कहा- त्यौहार का दिन हैं कम से कम थोड़ा जल्दी आ सकती थी।  नेहा बोलना चाह रही थी कि सर आज मेरा पहला दिन हैं तो सादी पहनने में लेट हो गया, मगर कह ना सकी, मैनेजर ने उसे सीधा मंगलसूत्र के … Read more

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