जिंदगी सुख कम दुख ज्यादा देती है – मनीषा सिंह: Moral stories in hindi
कड़ाके की ठंड पड़ रही थी रात के 11:00 बज चुके थे। तेजस्विनी अपनी 2 साल की बेटी राहा को सूलाकर हाल में ही इधर-उधर चक्कर काट रही थी । उसकी नजर बार-बार दीवाल पर लटकी घड़ी की ओर जा रही थी। आशु 35 साल का युवक जो किसी सरकारी ऑफिस में ऊंचे पद पर … Read more