अपना घर स्वर्ग – ऋतु गुप्ता: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आज दोनों बुजुर्ग दम्पत्ति लखमीचंद जी और उनकी पत्नी पुष्पा जी झूले पर बैठे अपने घर के आंगन में अपने स्वर्ग जैसे घर का आनंद ले रहे थे। तभी लख्मी चंद जी की आंखों के सामने तीन वर्ष पहले का एक दृश्य सचित्र घूम गया, जब उन्होंने अपने बेटे से … Read more

परख अंतिम भाग – माता प्रसाद दुबे : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : शाम के छह बज रहे थे, अविनाश घर आ चुका था माया भी घर पहुंच कर अपने काम में लगी हुई थी,”अम्मा!अब कैसा है आपका पैर” अविनाश कौशल्या देवी के करीब बैठते हुए बोला।”अब तो बिल्कुल ठीक लग रहा है बेटा! कौशल्या देवी अविनाश का हाथ पकड़ते हुए बोली। “अम्मा! … Read more

परख भाग 4 – माता प्रसाद दुबे : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : रात के आठ बज रहे थे घर पहुंचते ही कौशल्या देवी को लेटा हुआ देखकर अविनाश परेशान होने लगा “क्या हुआ अम्मा!तुम लेटी क्यूं हो, तबियत ठीक है”अविनाश चिन्तित होते हुए बोला।”ठीक है बेटा!बस पैर में मोच आ गई है” कौशल्या देवी कराहती हुई बोली।”मौसी! डाक्टर को दिखाया कि नहीं? … Read more

परख भाग 3 – माता प्रसाद दुबे : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : रात के दस बज रहे थे, अविनाश गीता को उसके घर छोड़कर वापस आ चुका था,”अम्मा! तुम्हें गीता पसंद आई की नहीं?” अविनाश घर के अंदर आकर कौशल्या देवी से लिपटते हुए बोला।”मेरे बेटे की पसंद को भला मैं कैसे नापसंद कर सकती हूं?” कौशल्या देवी अविनाश को दुलारते हुए … Read more

परख भाग 2 – माता प्रसाद दुबे : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : कौशल्या देवी सोफे पर गीता और अविनाश को बैठने का इशारा करते हुए बोली।”अम्मा! यह गीता है” अविनाश कौशल्या देवी का हाथ पकड़ते हुए बोला। कौशल्या देवी की नजरें गीता को गौर से देख रही थी..गोरी चिट्टी देखने में सुंदर दिखने वाली गीता के शरीर पर कम कपड़े खुले बाल … Read more

परख – माता प्रसाद दुबे : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : गीता रोज की तरह आज भी अविनाश का इंतजार कर रही थी..उसकी और अविनाश की नजदीकियां हुए एक वर्ष बीत चुका था..शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जिस दिन वह एक दूसरे से ना मिलते हो,अविनाश शाम को अपने आफिस से निकलने के बाद गीता से मिलने के बाद … Read more

घर – मीनाक्षी सिंह : hindi stories with moral

hindi stories with moral : रजनी क्या यार… कई दिनों से देख रहा हूँ तुम्हारी हरकतें …. लगा शायद तुम खुद ही समझ ज़ाओगी… इसलिये कुछ नहीं बोला…. झुँझलता हुआ रजनी का पति साकेत बोला…. क्यूँ ऐसा क्या मैने कर दिया जो तुम मुझ पर शादी के चार साल बाद इतना गुस्सा हो रहे हो?? … Read more

सहनशक्ति – ऋतु गुप्ता : hindi stories with moral

hindi stories with moral : निर्मला जी आज अपनी कोठी में जीवन की संध्या में नितांत अकेला जीवन व्यतीत कर रही थी ।आराम कुर्सी पर बैठी वह याद कर रही थी जिंदगी के उन पन्नों को जिसमें जिंदगी ने उन्हें बहुत कुछ दिया, आदर, सत्कार, पैसा रुतबा सब, पर उन्होंने अपने कर्कश व्यवहार के कारण … Read more

बेघर – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : hindi stories with moral

hindi stories with moral : सुबह-सुबह मैं अपने किचन गार्डन में पौधों में पानी दे रही थी तभी मोबाइल बजने लगा। मैं जल्दी से हाथ धोकर अपने रूम में आई और मोबाइल उठा लिया। शिवनाथ अंकल का फोन था। मैंने फोन उठाया  “अंकल नमस्ते ,कैसे हैं ?” “नमस्ते बेटा…!, वह बोलते हुए रुक गए। मैं … Read more

मेरा अपना घर – डॉ संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : ये श्रेया को क्या हो गया है आजकल,बहुत उखड़ी सी रहती है..आपसे कोई बात हुई क्या भैया? विनीता ने अपने देवर रोहित से पूछा। हां…महसूस तो मैंने भी किया था पर फिर सोचा कि शायद डिपार्टमेंटल कोई टेंशन होगी उसे ..देखता हूं किसी दिन बात करूंगा। रोहित और श्रेया की … Read more

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