देहरी – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

राखी का त्यौहार आना हो या कोई अन्य त्यौहार शकुन्तला जी अपनी बहू के पीछे पड़ जाती थी ,रोशनी देखो त्यौहार की रंगत तो कोई को घर के द्वार की देहरी से ही समझ आती है। तब रोशनी कहती- मम्मी आप की तो पीछे पड़ने की आदत है। आप चिंता न करो हमें पता है … Read more

घर आँगन – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

घर की लाडली और चार भाई – बहनों में सबसे छोटी सुरुचि… जिसे सब रुचि कह कर पुकारते थे जिसका ग्रेजुेएशन  का  सेकंड इयर पूरा हुआ था … उसकी शादी की बात जब ओमकार जी ने घर में की की तो सबने कहा अभी ये छोटी है … लेकिन ओमकार जी के ज़ोर देने पर….. … Read more

ऐसी भी सास होती है – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

झूले  पर बेठे नीता जी एवं सोमेश जी ऐसे ही फुर्सत के क्षण व्यतीत कर रहे थे। तभी   नीता जी बोली भगवान ने मेरी एक न सुनी  क्या हो जाता यदि दो बेटों में से एक को बेटी बनाकर  भेज देते। कम से कम मुझे समझने वाला कोई तो होता घर में। एक बेटी … Read more

सास बिना ससुराल – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

नीलम एक सुंदर,प्यारी सी लडकी थी | पिता श्यामसुंदर एक बिजनेस मैन थे और माँ एक कुशल गृहणी | दो बडे भाईयों की इकलौती छोटी बहन थी वह | दोनों भाईयों की अभी शादी नहीं हुई थी |  ग्रेजुएशन पूरा करते ही उसके पिता उसकी शादी की चर्चा करने लगे | नीरज एक स्मार्ट, पढा-लिखा … Read more

घर का आंगन बहू से सजता है तो ससुराल भी सास के बिना फीका होता है – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

वंदना न्यू इंडिया इंन्श्यूरेंस कंपनी में नौकरी करती थी । माता-पिता ने ही उसके लिए हर्षवर्धन के रिश्ते को पसंद किया था । उसने उनकी बात मानकर उससे शादी के लिए तैयार हो गई थी। हर्षवर्धन का एक बड़ा भाई और एक बड़ी बहन थी उन दोनों की शादी पिताजी के गुजरने के पहले ही … Read more

” मुझे खाना बनाना नहीं आता है ”  – बिमला महाजन   : Moral Stories in Hindi

संगीता ने बेटे राघव की राशि से बड़ी धूमधाम से  सगाई कर दी। पर शादी का मुहूर्त चार महीने बाद का निकला। जैसा कि अक्सर होता है राघव और राशि फोन पर लगे रहते थे। एक दो दिन से राघव कुछ चुप चुप था। संगीता ने राघव से इस का कारण जानना चाहा। राघव ने … Read more

* परिवार का सुख* – पुष्पा जोशी   : Moral Stories in Hindi

मोहन बाबू गॉंव में खेती किसानी का काम करते थे। अच्छी खासी फसल होती थी। खेत पर ट्यूब वेल था। पानी का संकट नहीं था। खेतों के पास  दो कमरे भी बने हुए थे ,जहाँ खेतों में काम करते समय  तेज ऑंधी पानी आ जाने पर मोहन बाबू और उनके बेटे वहाँ रूक जाते थे। … Read more

“सास का समर्थन” – तृप्ति देव   : Moral Stories in Hindi

एक शहर मे ,शर्मा परिवार एक संयुक्त परिवार था, जहां तीन पीढ़ियाँ एक ही छत के नीचे हंसी-खुशी रहती थीं। और परिवार का दिल, आंगन  में था, जहां हर सुबह की चाय से लेकर रात के खाने तक सब कुछ साझा होता था। पूरा परिवार बैठ के  सुख दुख साझा करते थे। उसी परिवार में  … Read more

 अपना धन-पराया धन – बालेश्वर गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

 सुनो विवेक,मेरा रिज़र्वेशन कैंसल करा दो,मैं मम्मी के यहां नही जा रही हूँ। क्यों क्या हुआ शालिनी?तुमने ही तो कहा था,बहुत दिन हो गये, भैया भाभी,मम्मी के पास गये।तुम क्या देख नही रहे हो,माँ को परसो से बुखार है,भला ऐसे में मैं कैसे जा सकती हूँ? अरे माँ के पास तो शिखा आ जायेगी।उनकी बेटी … Read more

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