गृहलक्ष्मी – त्रुपती देव  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : गृहिणी ही परिवार का   आत्मा हें l पुरे परिवार की माला  की सूत्रधार  हें l गृहिणी हैं तो संसार,हेंl अपनी तकलीफों का , पेटारा एक कोने में रख कर पूरे परिवार का  ध्यान रखती. ,अलग अलग भूमिका में अपना कर्तव्य निभाती  है !कोई त्यौहार छुट्टियों में भी नही करती … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 5 ) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “बेटा, एक बात और, तेरी सासु माॅं को जब लगेगा कि तुम उनके आगे पीछे घूम रही हो तो वो तुम्हें शंका की नजर से दिखेंगी कि जब उन्हें कोई पसंद नहीं कर रहा तो तुम क्यों। आखिर तुम्हारा स्वार्थ क्या है, ये सब वो सोचेंगी। तब हो सकता है … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 4 ) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “देख बेटा, ये एक दिन में हल होने वाली समस्या नहीं है। इसके लिए थोड़ा सोचना पड़ेगा। उनका विश्वास जीतना टेढ़ी खीर साबित होगी।” विनया की मम्मी उसका हाथ अपने हाथ में लेकर सहलाती हुई कहती है। “लेकिन मम्मी प्रयास तो करना ही होगा ना, सिर्फ उनके लिए ही नहीं, … Read more

बस थोड़ा सा प्यार, विश्वास और सहयोग – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ‘पलाश बेटा! तुम खड़ी और गेरू लाए या नहीं, बहू की इस घर में पहली दीपावली है, उसे घर की देहरी सजाना है। वह घर की लक्ष्मी है और यह कार्य गृहलक्ष्मी का ही है।’ सुहासिनी जी ने अपने बेटे पलाश से कहा। सुहासिनी जी का स्वास्थ बहुत खराब हो गया … Read more

समय का दान – डॉ अंजना गर्ग : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “मीना इतवार को तो तेरी छुट्टी होती है फिर कहां से आ रही है। पिछले रविवार भी मैंने देखा था सुबह सुबह भाग रही थी ।”सरोज ने अपनी पड़ोसन मीना से पूछा । “बस कुछ खास नहीं । मैं हर इतवार को महिला वृद्धाश्रम जाती हूं ।”मीना ने कहा । … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 3 ) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “जी माॅं”…कहकर विनया बाहर बैठक की ओर दौड़ी। उसकी मम्मी का सुनकर भी सासु माॅं ने एक बार भी उससे हाल चाल नहीं लिया, ये भी उसे अजीब सा लगा और एक पल के लिए नकारात्मक भाव भी आए। “मैंने ही तो पहले ही पूरी बात बिना पूछे कह दिया … Read more

एक अनूठी प्रेमकथा (भाग 1)- डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  आज रोहित का बड़े मीडिया चैनल में साक्षात्कार होना था। असल में उसने तीन साल पहले स्टार्टअप कंपनी शुरू की थी जिसका टर्नओवर आज करोड़ों में पहुंच गया था। छोटी सी लागत से शुरू हुई कंपनी का तीन साल में ही इतने बड़े मुकाम पर पहुंचना चर्चा का विषय था। … Read more

एक अनूठी प्रेमकथा (भाग 2 )- डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अब ससुराल केवल शनिवार-रविवार को ही जाना होता। अब सप्ताह के पांच दिन उसके अपने होते। इसी बीच शिखा को एक नए जीवन के आगमन का एहसास अपने अंदर हुआ।उसकी तबियत ठीक नहीं रहती थी। कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती थी। वो बहुत ही भावनात्मक परिवर्तन से गुजर … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 2 ) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “चाय पिएंगी बुआ।” विनया सुलोचना से पूछती है। “नेकी और पूछ–पूछ, इतनी भाषणबाजी के बाद कुछ तो इनाम मिलना ही चाहिए मुझे।” सुलोचना हॅंस कर कहती है। “पर कैसे ठीक करुॅं सब कुछ”…मन में सोचती विनया अपनी सास अंजना के कमरे की ओर देखती हुई रसोई की ओर बढ़ गई। … Read more

नया सवेरा – प्रतिभा परांजपे  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : दोपहर के तीन बजे थे। बेटे  सोनू की बस का हार्न सुन रश्मि बाहर आयी,तो देखा मकान  मालकिन स्मिता आंटी औरसोनू बाते कर रहे हैं । सोनू का बस्ता,वॅाटर बैग लेने रश्मि उनके पास गई ,आंटी के हाथ मे अखबार था। रश्मि को‌ देख वे खुशी से चहक कर बोलीं … Read more

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