गुरुर – डाॅक्टर संजु झा। : Moral Stories in Hindi

आजकल के समय में केवल बेटे ही नहीं बेटियाँ भी माता-पिता की गरुर होती हैं।राम प्रसाद जी की तीन बेटियाँ थीं।तीन बेटियों के बाद उन्होंने बेटे की आस छोड़ दी।हाँ! उनकी पत्नी सीमा जी के मन में जरुर बेटे की तड़प बनी हुई थी।गाहे-बगाहे अपने मन की इच्छा पति से व्यक्त करते हुए कहतीं -” … Read more

गुरुर – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

शालिनी जी एक सिंगल मदर थी तथा केंद्रीय विद्यालय में हिंदी की शिक्षिका के रूप में कार्यरत थीं।  दो बेटियां अवंतिका और अनुराधा उनकी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा थीं । अब चुकी सिंगल मदर थीं तो घर की सारी जिम्मेदारियां उनको निभानी थी।  शालिनी जी  बेटियों की शिक्षा में कोई कसर नहीं रहने देना … Read more

गुरुर – श्रद्धा खरे : Moral Stories in Hindi

शारदा की शादी के कुछ महीने बाद ही उसके देवर मदन की शादी हुई ,और शारदा को घर में एक छोटी बहन के रूप में  कृष्णा मिली ।        दोनों की आपस में बहुत बनती थी, घर के कामों को दोनों मिलजुल कर पूरी लगन से करती  सास ,ननद देवर सब यही कहते  कि इन दोनों … Read more

स्मार्ट पापा !! – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

सविता ओ सविता …..लो बहू ….सबको बांट दो ….कैलाश जी ने कागज का ठोंगा पकड़ाते हुए कहां….! काग़ज़ के एक थैले में कैलाश जी मसूरपाग लाए थे… जिसे घर के सभी सदस्यों में बांटने को कहा….। पास में ही बेटी निधि बैठी थी.. जो दो दिन पहले ही मायके आई हुई थी …..उसे पापा का … Read more

गुरुर – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

सुमी का फोन सुबह सुबह देख कर मुस्कुरा उठी.. बचपन की सहेली..सुमी ने एक सांस में हीं कह डाला जान तुझे याद है मेरी छोटी बहन सेजल.. एचडीएफसी बैंक में पीओ बनकर तुम्हारे शहर में तीन महीने पहले हीं गई है.. उसके पति दूसरे शहर में जॉब करते हैं इसलिए शनिवार और रविवार को रहते … Read more

मायके का मान – आरती झा आद्या  : Moral Stories in Hindi

चाहत का मायका उसके लिए सबसे बड़ा उपहार था। जब भी वह अपने मायके की चौखट पर कदम रखती, उसे ऐसा लगता मानो सारा संसार उसके स्वागत में खड़ा हो गया हो। एक आवाज़ पर सब दौड़े चले आते, उसकी हर छोटी-बड़ी खुशी का ध्यान रखते। चाहत की ननद की शादी थी। इस अवसर पर … Read more

गुरूर. – निभा राजीव “निर्वी” : Moral Stories in Hindi

पीहू और कुहू ने सुनंदा जी को प्यार से सहारा देते हुए गाड़ी में बैठाया और दोनों उनके अगल-बगल बैठ गईं। शीघ्र ही गाड़ी ने रफ्तार पकड़ ली। सुनंदा जी के शरीर का बायाँ लकवाग्रस्त भाग निश्चेष्ट पड़ा हुआ था और वह कांपते हुए दाएं हाथ से अपनी भींगी आंखों को पोंछने का प्रयास कर … Read more

गुरूर. – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

भैया आप माँ को कुछ दिनों के लिए अपने घर में रख सकते हैं क्या ? पल्लवी ने फोन पर राजीव से कहा । राजीव ने कहा कि क्या बात है बिटटो माँ को कुछ हुआ है क्या या फिर तुम्हारे पति ने कुछ कहा है ? नहीं भाई ऐसी कोई बात नहीं है । … Read more

गुरूर. – विनोद सिन्हा “सुदामा” : Moral Stories in Hindi

सलमा बेगम को जैसे ही खबर मिली की उनकी बेटी जन्नत गैस सिलेंडर फट जाने एवं घर में आग लग जाने से बुरी तरह जल गई है और उसे हॉस्पिटल ले जाया गया है.. सब-कुछ छोड़ बताए हॉस्पिटल की ओर दौड़ी दौड़ी भागी.. जहां उनकी बेटी जन्नत ज़िंदगी और मौत से जुझ रही थी, वो … Read more

मेरे गुरूर – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“क्या बात है… रोज तो सुबह अलार्म की भी तुझे जरूरत नहीं पड़ती… आज इतनी देर तक कैसे पड़ी है… वंदना उठ… उठ बेटा…!”  मां ने हिलाया तो वंदना चादर को और कसकर पकड़ते हुए जैसे रुंधे गले से बोली…” नहीं मां… नहीं जाना…!” ” नहीं जाना… पर बेटा आज तो तनख्वाह मिलने वाली है … Read more

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