खिलाफ – दिया जेठवानी : Moral stories in hindi

बैंच पर बैठी यशोदा के सामने रखी खाने की थाली में से आज एक कोऱ भी नहीं निकला हुआ देख मोहन बोला :- क्या हुआ बहन… किस सोच में डूबीं हुई हो..!  यशोदा की आंखों के पास और गालों पर पड़ी झूर्रियो से आंसू की एक धार यकायक बहने लगी..।  वो देख मोहन से रहा … Read more

ख़िलाफ़ – संध्या सिन्हा : Moral stories in hindi

माँ सब पैकिंग कर ली ना! कल रात की फ़्लाइट है।” “हाँ बेटा तुम्हारी सारी पैकिंग कर दी मैंने।” “पर अपनी?????” “मैं नहीं जा रही तुम्हारे साथ।” “इतने बड़े घर में पापा के बिना कैसे रहेंगी माँ आप???” “पहले की बात और थी माँ।पापा थे आपके साथ और अभी उनके रिटायरमेंट में भी दो साल … Read more

खिलाफ – मनीषा सिंह : Moral stories in hindi

“मां ” खाने को कुछ दो ना, बहुत जोरों की भूख लगी है। ‘ सुबह से शाम ‘ हो गई अब तक तुमने—- खाने को कुछ भी नहीं दिया।    चार साल की शालू यह कहते हुए फफक -फफक के रोने लगी । ” हां बेटा! बस थोड़ी देर और इंतजार कर ले, फिर हम सब … Read more

रीयूनियन मीट – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

ऑफिस पहुंचते ही निधि ने देखा उसके ऑफिस की टेबल पर एक लिफाफा रखा है साथ ही बड़ी सी चॉकलेट     भी फिर एक कार्ड पर छोटा सा कैप्शन लिखा नज़र आया ” इस खुशी के मौके पर कुछ मीठा हो जाए “      निधि ने लिफ़ाफ़ा जैसे ही खोला ,तभी पीछे से बॉस की … Read more

स्त्री धर्म – पुष्पा जोशी : Moral stories in hindi

आज न्यायालय में एक तलाक के कैस की सुनवाई थी। विरेंद्र और ज्योति का विवाह हुए ,अभी तीन ही वर्ष हुए थे। मगर तीन वर्षों में दोनों के रिश्तों में ऐसा क्या हुआ की तलाक की नौबत आ गई।  अब यह जानने के लिए विरेंद्र के परिवार और ज्योति के परिवार के बारे में कुछ … Read more

अपनों सा…! : Moral stories in hindi

तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा हॉल सन चुका था।  उसके साथ ही मयूर पब्लिकेशन के मैनेजर प्रकाश और मेरे घनिष्ठ मित्र बैंक मैनेजर लालजी सबके चेहरे पर एक गर्वित मुस्कुराहट छा गई। मंच के आयोजक ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मेरे पास आकर कहा “आज के शुभ अवसर पर हमारे लेखक महोदय अरुण आकाश … Read more

गलत के खिलाफ – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

नहीं मैं पुलिस कंप्लेन वापस नहीं लूॅंगी, मेरा भाई है तो क्या हुआ? उन लड़कियों का भी तो सोचिए, जिन्हें यह दिन भर गंदे गंदे संदेश भेज कर परेशान करता रहता है। मैं भाई के खिलाफ नहीं गलत के खिलाफ हूॅं। मालिनी के शिकायत दर्ज कराने पर पुलिस स्नातक कर रहे उसके भाई रवीश को … Read more

सुबह का भूला… – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

साक्षी बेटा , कल गाँव तुम्हारे बाबूजी के पास गई थी । भइया  तो सचमुच भाभी के जाने के बाद एकदम से बहुत कमज़ोर और बूढ़े दिखने लगे हैं ।  हाँ बुआ जी , शरद हमेशा ही वीडियो कॉल पर बातें करते हैं पर क्या करें ? अम्मा की तेरहवीं के बाद हमने बाबूजी को … Read more

मैं अपनी मम्मी के खिलाफ कुछ नहीं सुन सकता – बीना शर्मा: Moral stories in hindi

वर्षों बाद विमला ने अपने बेटे अजय को अपने घर पर देखा तो उसे बहुत आश्चर्य  हुआ  अजय के साथ में उसकी पत्नी अनामिका भी थी उसके बेटे बहू रोजगार के कारण काफी वर्षों से अपने बच्चों के साथ मुंबई में रहते थे जिनके वापस आने की उम्मीद विमला ने छोड़ दी थी मम्मी को … Read more

पहले मैं पत्नी हूं – शुभ्रा बैनर्जी: Moral stories in hindi

 “मां !ओ मां ,कहां हो तुम?”नीरज हमेशा की तरह चिल्लाते हुए घर में घुसा। सामने ही रवि बैठे थे।बेटे को घूरते हुए कहा”आ गया ,मां का चमचा।”दिशा को हंसी आ गई।यह पहली बार नहीं हुआ था।बाप -बेटे में ज्यादा बात कभी नहीं होती थी।रवि ख़ुद भी गंभीर स्वभाव के थे,बेटा भी उन्हीं पर गया था।अपनी … Read more

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