कच्चे धागों का पक्का बंधन – प्राची अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

बीना जी सुबह से ही देख रही थी कि उनकी बड़ी बहू रागिनी काफी उदास है। सावन का महीना चल रहा है। तीज का त्यौहार भी आने वाला है इसलिए वह अपनी दोनों बहुओ को साज श्रृंगार का सामान और साड़ी कपड़े की शॉपिंग कराना चाहती थी। बीना जी का मानना था की बहू बेटियां … Read more

गुमशुदा इश्क – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

  आप लाली है क्या…..? अचानक पीछे से आवाज आई…  हां – हां , नहीं – नहीं …. हडबडाते और लड़खड़ाते हुए शब्दों से माला कुछ पूछना चाहती थी….!  पर साथ में चल रहे मलय भैया ने बड़े स्पष्ट रूप से कहा …नहीं यहां कोई लाली नहीं है… इसी बीच अनायास ही माला ने पूछ लिया … Read more

झूठी इज्जत – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

मीनाक्षी दोपहर  बाद राजमा उबलने के लिए रख ही रही थी कि तभी डोर बेल बजी। वह जल्दी से कुकर गैस पर रखकर दरवाजा खोलने गई। दरवाजे पर उसके जेठ नंदलाल और जेठानी मंदिरा खड़ी थी।  उसने दोनों को अंदर आने के लिए कहा। अंदर आने पर उसने उनके पांव छुए और बैठने के लिए … Read more

मान सम्मान – ऋतु गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

ससुराल से घर आई बेटी नयना ने जैसे ही सूटकेस के साथ घर में अकेले प्रवेश किया उसकी मां मधु का माथा ठनक गया। वह अपनी बेटी का चेहरा पढ़ने की कोशिश करने लगी पर उन्हें कुछ खास समझ नहीं आया ,पर मां का दिल कहे या जिंदगी का अनुभव उन्हें अपनी लाडली का यूं … Read more

खानदान की इज्जत – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

वक्त कितना बदल गया है…और इस बदलते वक्त ने #खानदान की इज्जत #की परिभाषा को भी कितना बदल दिया है..नव्या आज इतने अच्छे रिश्ते को ना करने में जरा भी संकोच नहीं किया शुभम आईटी सेक्टर में इंजीनियर देखने में हैंडसम अच्छा छोटा परिवार शादी डॉट कॉम से बात चली थी… नव्या भी एमबीए कर … Read more

खानदान की इज्जत – खुशी : Moral Stories in Hindi

नमन सिन्हा समाज के बहुत ही प्रतिष्ठित व्यक्ती थे। सभी उनका बहुत सममान करते थे। उनकी एक बेटी थी रागिनी जैसा नाम पैसा गुण सुंदर सुशील संस्कारी लडकी थी। नमन जी चाहते थे कि उसकी शादी अच्छे खानदान मे हो जाये वो पढने मे भी बहुत  जहीन थी यह रागिनी के  कॉलेज का आखरी साल … Read more

खोया हुआ रिश्ता – भगवती सक्सेना गौड़ : Moral Stories in Hindi

राणा बचपन से मास्टरजी की बहुत इज्जत करता था, उसके पापा के दोस्त होने के कारण कई बार घर आकर गणित हल कराते थे। उन्ही के कारण वह गणित जैसे कठिन विषय मे पास हो पाता था। दसवीं बोर्ड पास करके ग्रेजुएशन करने के बाद मजबूरन बाबूजी की दुकान चला रहा था।  क्योंकि पढ़ाई के … Read more

बहू कुछ दिन और मायके रूक जाती…. – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ बहू तू इतनी जल्दी मायके से आ गई… समधी जी अब कैसे हैं….. कुछ दिन उनके पास ही रूक जाती…. क्या सोचते होंगे तुम्हारे मायके वाले ज़रूर सास  मायके में रूकने नहीं देती होगी ।” कौशल्या जी ने बहू निशिता से कहा  “ बिल्कुल नहीं मम्मी जी…. सब तो मुझे दूसरे दिन ही भेज … Read more

खानदान की इज्जत – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पायल बेटा… तुम्हारे भाई की शादी है और तुम यह लोहा लंकड के गहने पहन कर आई हो, बेटा.. सभी के सामने हमारी और तुम्हारे ससुराल वालों की क्या इज्जत रह जाएगी? जहां तक मुझे याद है तेरी शादी में तेरे  ससुराल से भी काफी गहने चढ़ाए थे और हमने भी तुझे काफी सारे गहने … Read more

आन बान या अवसान – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

भैय्या-भैय्या, आज रक्षाबंधन है,क्या मैं आपको राखी बांध दूँ?        अरे,भैय्या-भैय्या पुकारती हो,तो फिर राखी क्यो नही बाँधोगी, इसमें पूछने वाली कौनसी बात है?ले बांध ना राखी?        शायद 1973-1974 का ही घटनाक्रम है,मेरे ही घर के एक पोर्शन में हमारे ही कस्बे के पास के एक गांव का किसान परिवार किराये पर रहने को आया।मेरे पिता … Read more

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