आईना – अर्चना कोहली ‘अर्चि’  : Moral Stories in Hindi

शाम चार से छह बजे तक महेश जी दुकान बंद करते हैं। आज दुकान से आकर लंच करने के बाद वाशबेसिन में हाथ धो ही रहे थे कि कॉलबेल बजी। महेश ने तौलिए से हाथ पोंछ कर दरवाज़ा खोला तो भैया-भाभी थे। “अरे, भैया-भाभी आप अचानक! आज इतने सालों बाद मेरी याद कैसे आ गई। … Read more

असली दौलत – भगवती  : Moral Stories in Hindi

आदित्य अजीत मेहरा का इकलौता बेटा था। इंजीनियर की डिग्री प्राप्त करने के बाद वह नौकरी की तलाश में था । उसने सोचा था कि वह जल्द ही एक अच्छे पद पर आसीन होगा परंतु वक्त सरपट घोड़े समान भागता चला जा रहा था और नौकरी न मिलने की हताशा आदित्य के भीतर एक गहरी … Read more

खन्दान की इज्जत – पुष्पा पाण्डेय   : Moral Stories in Hindi

पूजा बारहवीं की परीक्षा नब्बे प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण हुई। अब काॅलेज में नामांकन की तैयारी हो रही थी। कोशिश थी कि अच्छे- से-अच्छे काॅलेज में नामांकन हो जाए। उसकी रुचि तो विज्ञान विषय में थी, लेकिन उसके पापा कला क्षेत्र के समर्थक थे। या यों कहें कि अनकहा दबाव था। पूजा ने मनोविज्ञान को … Read more

रायपुर वाली भौजी – सुबोध चतुर्वेदी  : Moral Stories in Hindi

सुबह अचानक भाई का फोन  आया ,चाय का प्याला हाथ में लिये मैंने रिसीवर कान से लगाया ,दूसरी ओर से भाई का स्वर था—सुनो ,रात को रायपुर वाली नहीं रही .क्या,कैसे ? कैसे क्या कितनी बीमार चल रहीं थी एक तरह से जी गईं समझो “.मैंने स्वगत ही कहा—हां सचमुच जी गईं .रिसीवर रख कर … Read more

ख़ानदान की इज़्ज़त – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

सुप्रिया और स्वाति दोनों एक ही ऑफिस में नौकरी करती थी घर पास होने के कारण साथ में मिलकर ऑफिस जातीं थीं । उनका एक दूसरे के घर आना जाना भी लगा रहता था । सुप्रिया की बेटी मधु और स्वाति की बेटी सविता एक ही कक्षा में पढ़ती थी पर अलग अलग स्कूलों में … Read more

क्या ये सही है ? – संगीता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

“सविता…सविता कहां हो तुम भई …तौलिया तो लाओ जरा बारिश ने भी हद कर दी जब देखो बरस पड़ती है इंसान काम करे तो कैसे!” दिनेश जी घर में घुसते ही बोले। वो आवाज़ दे पत्नी का इंतज़ार कर रहे थे कि … ” छम…छम…!” अचानक उनके कानों में आवाज़ आईं। ” अरे ये घुंघरू … Read more

खानदान की इज्जत – लक्ष्मी कानोडिया   : Moral Stories in Hindi

कौशल प्रसाद जी शहर में एक बड़े व्यवसाई थे। उनका शहर में जुराबों का कारखाना था। उनके दो बेटी एवं एक बेटा था। एक बेटी की उन्होंने शादी कर दी थी और बेटा बाहर पढ़ने गया हुआ था। उनके इंश्योरेंस आदि के अन्य काम भी चलते रहते थे जिनके कार्य के लिए उनके घर पर … Read more

खानदान की इज्जत – चम्पा कोठारी   : Moral Stories in Hindi

भुवनेश्वरी बुआ बाल विधवा थी लगभग 16 वर्ष मैं उन्होंने  अपने पति  को खो दिया था। 40 वर्ष पूर्व जब रेखा का विवाह हुआ था तब बुआ 45 वर्ष की रही होंगी।पति की मृत्यु के बाद ससुराल  पक्ष की गरीबी और प्रताडना  से ब्यथित होकर बुआ ने मायके  की राह पकड़ी।वहाँ भी दुखी माता पिता … Read more

ओछी सोच….. – अमिता कुचया   : Moral Stories in Hindi

शाम का समय था एकदम से रजनी को आया देख मां बहुत खुश हुई ,तब रजनी से आश्चर्य से पूछा -अरे रजनी न फोन, न कोई मैसेज आज अचानक आना कैसे हुआ! तब रजनी बोली -“मां मैनें मौसी जी से भैया की तबियत का सुना तो मुझसे रहा न गया मुझे तो शादी में आना … Read more

खानदान की इज्जत – डाॅ संजु झा   : Moral Stories in Hindi

कभी-कभी अपनी  संतान ही  खानदान  की इज्जत  में दाग लगा देती है, फिर  गलती का एहसास  होने पर उस कलंक को धोकर  खानदान की इज्ज़त  में चार चाँद  भी लगा देती है।नीना जैसी युवती की ऐसी ही कहानी है।नीना दफ्तर से आकर कमरे में मेज पर पड़ी चिट्ठी को देखकर पूछ बैठती है -“माँ!यह चिट्ठी … Read more

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