“क्यों ना करूँ मैं अपनी किस्मत पर नाज – स्वाती जितेश राठी : Moral Stories in Hindi

आज कोरियर से वेदा के लिए एक पार्सल आया। उसमें एक कार्ड था जिसपर धन्यवाद लिखा था, एक खूबसूरत सा पैन, एक कोरी किताब और एक पैकेट चाय का मसाला था। वेदा समझ ही नही पा रही थी कि ये किसने भेजा होगा। चाय के मसाले की खुशबू पहचानी सी थी। किताब में सिर्फ  इतना … Read more

क्यों न करू अपनी किस्मत पर नाज़ – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

दुलारी को गांव से आए करीब एक साल होने को आरहा है,इस एक साल में कितना कुछ बदल गया है कि उसे समझ नही आता कि धन्यवाद किसका करे अपनी किस्मत का या रशियन बहू का।जिसके आने से अड़ोस पड़ोस के सभी लोगों ने उसकी रशियन बहू को देख कर कहा था कि दुलारी बिचारी … Read more

पहचान – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” क्या बात है सुगमा…आज बड़ी चहक रही है..।” अनिता ने अपनी खाना बनाने वाली से पूछा जो सब्ज़ियाँ काटते हुए गीत भी गुनगुनाती जा रही थी।    ” हाँ दीदी..आज मेरा सपना जो पूरा हुआ तो क्यूँ ना इतराऊँ…क्यूँ ना करूँ अपनी किस्मत पर नाज़।” अपने दुपट्टे से हाथ पोंछती हुई सुगमा बोली तो अनिता … Read more

क्यों न करूँ अपनी क़िस्मत पर नाज – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

माँ आप यह क्या कह रही हैं ? आप हमारी बात समझ क्यों नहीं रही हैं । प्लीज़ आप पापा को भी मेरी शादी में बुला लीजिए क्योंकि मेरा कन्यादान आप दोनों को ही करना है । यह सोनी मानिनी की बेटी थी जिसकी शादी होने वाली थी । मानिनी ने कहा -देख !सोनी तुम … Read more

मेरी बहुरानी – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

सारे सपने चकनाचूर हो गए थे अक्षता के, जब उसके बेटे साहिल ने शिया को पसंद किया अपनी जीवनसाथी के लिए। अक्षता के दिमाग में बहू की एक तस्वीर फिट थी बहुत पहले से,प्यारी सी,छोटे कद की गुडिया सी,गोरी,शर्मीली,धीमे धीमे बोलने और चलने उठने वाली,संस्कारों वाली बहुरानी पर शिया तो जैसे उससे बिल्कुल उलट थी। … Read more

किस्मत मुट्ठी में – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मेरी बात मान ले यशोदा, जब खसम ही दगा दे गया तो तू भी किसी के साथ बैठ जा।कम से कम तेरा तथा इस नन्ही जान का पेट तो भरता रहेगा। क्या कह रही हो बुआ,आदमी लंपट निकल गया तो क्या मैं भी वेश्या बन जाऊं?ऐसे ही किसी के साथ बैठ जाऊं।बुआ भगवान ने पेट … Read more

खुशकिस्मत – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

आज शुभ्रा से फोन पर देर तक बतियाती रही नीलू.शुभ्रा उसकी छोटी बहन है,दो बरस पहले उसी लड़के से उसकी शादी हुई थी जिसे उसने बहुत चाहा था और जिसे उसने नीलू से छीना था.  अंकुर का रिश्ता आया तो था नीलू के लिए ही मगर अंकुर,,शुभ्रा को इतना पसंद आ गया कि उसने ज़िद … Read more

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