कलंक – अनिल कुमार.   : Moral Stories in Hindi

“सोहमजी…मम्मीजी…..बचाईए….” ममता की दर्दभरी पुकार सुनकर सोहम और वृंदाजी,दोनो आवाज की दिशा मे भागे। आवाज वृंदाजी के कमरेसे आ रही थी। दोनो जब दरवाजेके नजदीक आए तब उन्हे महसुस हुआ की दरवाजा अंदर से बंद है। सोहम बिना समय गवाये दरवाजेको धक्का देने लगा। ममता की आवाज सुनकर आसपडोस वाले भी जमा हो गये। कुछ … Read more

कलंक नहीं ये प्यार है – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय  : Moral Stories in Hindi

एनडीआरएफ की टीम मुस्तैदी से ड्यूटी पर तैनात थी। अचानक ही एक ग्लेशियर का टुकड़ा फिसल कर नदी में आ गिरा था और सुस्त सी बहने वाली उस पहाड़ी नदी में बाढ़ आ गई थी। इतना पानी भर गया था कि आनन फानन में आर्मी और एनडीआरएफ की टीम को वहां तैनात करना पड़ गया … Read more

कलंक की आँच – अर्चना कोहली ‘अर्चि’ : Moral Stories in Hindi

“इस बीना की यह आदत बहुत ही खराब है। जब मन किया घर बैठ जाती है। कभी फोन कर देती है तो कभी फोन स्विच ऑफ करके चुपचाप बैठ जाती है एकाध महीने को छोड़ दें तो हर महीने सात-आठ छुट्टी तो पक्का होती ही हैं। काम तो बहुत अच्छा करती है, इसलिए इतना सहन … Read more

कलंक – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

मायके की दहलीज पर कदम रखते हीं बचपन अठखेलियां  करने लगता है.. आस पड़ोस की बुआ चाची स्कूल कॉलेज की सखियां शिक्षक शिक्षिकाओं  के चेहरे आंखों के सामने घूमने लगते हैं..         सब की खैरियत पूछने के क्रम में मैने लाली चाची का जिक्र किया.. मां उदास होकर बोली लाली नही रही… ओह..                        मुहल्ले के बेहद … Read more

एहसास – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

अस्पताल के एक अच्छे से कमरे में सामने शून्य की ओर निहारती श्रुति आसपास कौन है इन सब से बेख़बर बस बिना पलके झपकाए उस शख़्स को देखे जा रही थी पर चेहरे पर कोई भी भाव नहीं था कोई देख ले तो यही कहेगा वो मर चुकी हैं पर आँखें खुली हुई है। सामने … Read more

मार्डन से तो अनपढ़ भले – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज जब सुनीता देर से काम पर आई तो मैंने उससे पूछा सुनीता आज तू फिर से देर से आई है कल तो तूने कहा था अब टाइम से आया करूंगी, पर तेरा तो रोज-रोज का हो गया है यह रोज-रोज का देर से आने का झंझट अब खत्म कर दे सुनीता । मुझे सुबह-सुबह … Read more

कलंक – निभा राजीव “निर्वी” : Moral Stories in Hindi

रात के 9:15 हो रहे थे। आंगन के दरवाजे में खटका होते ही रजनी ने आंगन की तरफ वाली खिड़की खोल कर देखी। विधवा जेठानी वैशाली अंदर घुसी थी और आंगन का दरवाजा बंद कर दिया और अपने कमरे की तरफ बढ़ गई। वितृष्णा से रजनी की भवें टेढ़ी हो गईं..’आ गई महारानी जी गुलछर्रे … Read more

कलंक – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

कभी-कभी अनजाने में ही व्यक्ति के हाथों कुछ ऐसी घटना  हो जाती है,जिसका कलंक उसके सिर से ताउम्र नहीं मिटता है।सुनील सिंह के हाथों बचपन में ऐसी  ही घटना अनजाने में घटित हो गई थी और उस घटना का कलंक जब-तब उनके जीवन को काली स्याही से रंग देता है। आज भी सुनील सिंह जब … Read more

निष्कलंका – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

भाभी, साक्षी के बिना घर में मन ही नहीं लगता । पूरे मोहल्ले की रौनक़ थी । इस बार तो आ गई पर आगे से मुझे भी तब बुलाना जब साक्षी को बुलाओ । ये तो कोई बात नहीं दीदी…… तुम दोनों बुआ-भतीजी साथ आओगी और पूरे घर में सन्नाटा करके इकट्ठी चली जाओगी , … Read more

*कलंक धुल गया* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

  ‘यह क्या पूनम जब देखो या तो कुछ लिखती रहती हो या पढ़ती दिखती हो। पता है……तुम अच्छी लेखिका हो,कहानीकार हो पर ……भाई हम भी तुम्हारे कुछ लगते है..  कुछ हमारा भी ध्यान रखा करो।’ एक मुस्कान बिखेरते हुए अमर ने घर में प्रवेश किया, उसे पूनम को चिढ़ाने में मजा आता था, और जब … Read more

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