औकात दिखाना – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

यार मम्मी कल पार्टी में आपने ये क्या कर दिया, क्या कर दिया मैंने मधु बोली बेटे से ।बेटा रोहन बोला आप कल आप श्वेता और उनके और जो रिश्तेदार आए थे उनसे मिलने नहीं गई ।मैं क्यों मिलने जाती उनसे  जो लोग कल पार्टी में आ रहे थे वो लोग खुद ही मुझसे मिलने … Read more

बारात बिना दुल्हन के आयेगी। – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

हमारी बेटी के लिए हमने एक रिश्ता देखा था। लड़के के पिता यहीं मध्यप्रदेश में अच्छी सरकारी पोस्ट में थे, पत्नी घरेलू गृहणी थी। उनके तीन बेटे और एक बेटी थी। बड़ा लड़का सुधीर इंजीनियर था,मंझला बेटा आर्मी में कैप्टन था, उससे छोटा इंदौर में एम बी ए कर रहा था। बेटी बिलासपुर में कोई … Read more

औकात – कमलेश राणा : Moral stories in hindi

आज जब स्नेहा कॉलेज पहुंची तो हर नज़र उसका मुआयना कर रही थी ऐसा लग रहा था मानो सब उसे देखने और उससे मिलने के लिए बेकरार थे। उसने अपने दिमाग पर बहुत जोर डाला पर उसे ऐसा कोई कारण नज़र नहीं आया जिसके लिए आज वह बहुत खास बन गई थी वह प्रश्नात्मक नज़रों … Read more

क्या बिना पैसों वालों की औकात नहीं होती – हेमलता गुप्ता: Moral stories in hindi

यह देखो रिचा… तुम्हारे पापा ने नेग में₹1100 ही दिए हैं, क्या यही औकात रह गई है मेरी! महीने की लाखों की सैलरी है मेरी, अच्छा लगता है ₹1100 देना… !अरे यार नितेश.. प्लीज.. यहां तो शांत हो जाओ, यह तुम्हारा घर नहीं है मेरा मायका है, और यहां तुम इकलौते जमाई नहीं हो, मेरे … Read more

औकात मां-बाप से होती है – शुभ्रा बैनर्जी : Moral stories in hindi

मिली आज सुबह से ही जिद कर रही थी कि दादू और दादी को भी जाना होगा,उसका रिजल्ट लेने।सुमित को पता था कि सुषमा(मिली की मां)कभी नहीं मानेगी।पिछले तीन सालों से मिली ज़िद करती रहती और बाबूजी और मां कोई ना कोई बहाना बनाकर टाल देते। आज मिली की जिद पर सुमित ने सुबह ही … Read more

औकात – मनीषा सिंह : Moral stories in hindi

“मां _! मुंह मीठा कीजिए ।पैर छूकर शैलेश मिठाई अपनी मां के मुंह में डालते बोला  “बता तो सही की किस खुशी में मिठाई खिलाई जा रही है!   मालती जी बेटे के सर पर हाथ रखते बोली  “मां आज फाइनली मैं लेक्चरर के लिए सेलेक्ट हो गया   कई सालों से मेरी कोशिश थी इस जॉब … Read more

अब तुम सम्भाल लोगी बहू….. – सिन्नी पांडेय  Moral stories in hindi

विभा जी एक कुशल गृहिणी थीं और एक सख्त मिज़ाज महिला । यह कहना गलत न होगा कि घर में उनकी ही चलती थी । पति हरीश जी घर गृहस्थी की बातों में ज़्यादा दखलंदाजी नहीं करते थे और बेटी श्रेया की शादी हो चुकी थी । भगवान की कृपा से वो अपने ससुराल में … Read more

औकात – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“सुनिए जी, त्योहार का समय है, सोच रही हूॅं बच्चों के लिए कुछ कपड़े ले आया जाए।” माधवी फलियां छीलती हुई अपने पति अभय से कहती है। “क्यों, बच्चों के पास कपड़े नहीं हैं क्या।” अभय समाचारपत्र मोड़ कर रखते हुए तुनक कर कहता है। हाॅं हैं, लेकिन त्योहार पर तो नए कपड़े लेने ही … Read more

तेरी औकात है क्या..! – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

    ” नहीं नरेश…तुम्हारे पिता हमारी शादी के लिये कतई तैयार नहीं होंगे।तुम लोग इतने पैसे वाले हो..मिल के मालिक हो…और मैं एक अनाथ…।” नरेश के हाथ से अपना हाथ छुड़ाती हुई नीलू बोली।    ” नहीं नीलू…मेरे पिता ऐसे नहीं है।हमारे घर में ऊँच-नीच का कोई भेदभाव नहीं है।हम भी तो…।” कहते- कहते नरेश रुक गया। … Read more

नई सुबह – करुणा मलिक   : Moral stories in hindi

गायत्री का मन बेचैन हो रहा था । फ़ोन रखने के बाद ग़ुस्से के साथ दुख इतना हुआ कि वे जी भर कर रोईं पर उसके बाद भी रह-रहकर आँखें छलछला उठती थी । उन्होंने अपने मन को समझाने की भरसक कोशिश की लेकिन मन मानने को तैयार ही नहीं था कि  उनका सुशांत अपनी … Read more

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