“इश्क ” एक गुनाह (भाग-7) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

राजवीर अदिति से मिल कर हवेली वापस लौटता है अब आगे – आज उसका मन बहुत विचलित था। वो पूरी घटना के बारे में सोच रहा था। अदिति ने उसे ठुकराया था और उसके कैरेक्टर पर सवाल खड़ा किया था। इसमें गलती न उसकी थी न अदिति की थी वो दोनों अलग-अलग कल्चर में पले … Read more

“इश्क ” एक गुनाह (भाग-6) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

प्लान के मुताबिक अदिति और राजवीर “द रोस्ट रिट्रीट कैफे” में शाम चार बजे मिलते हैं। जहां वो अदिति को अपना इंट्रोडक्शन देना चाहता है पर अदिति उसे रोक कर खुद उसका इंट्रोडक्शन उसके सामने रखती है वो ये भी कहती है कि वह अपनी गर्लफ्रेंड लीजा जोसेफ के साथ लिव-इन में रहता है अब … Read more

“इश्क ” एक गुनाह (भाग-5) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

अदिति को जब पता चलता है कि राजवीर ने शादी के लिए हां कर दी है तो उसे बेहद गुस्सा आता है। वो राजवीर को फोन करके कहती है कि इस शादी से मना कर‌ दे परंतु राजवीर कहता है कि अगर वो उससे मिलने “द रोस्ट रिट्रीट कैफे” आएगी तो वो शादी से मना … Read more

“इश्क ” एक गुनाह (भाग-4) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

वो हवेली पहुंचा तो उसका मूड ऑफ हो चुका था। आज तक ऐसा उसके साथ कभी नहीं हुआ था। वो सीधे अपने रूम में चला गया। फूलचंद मानवेंद्र सिंह के पास गया। फूलचंद सब कुछ ठीक रहा?? बड़े सरकार !  हुक्म सा पूरे रास्ते कुछ ना बोले। तुमने कुछ नहीं पूछा। नहीं सरकार मेरी इतनी … Read more

“इश्क ” एक गुनाह (भाग-3) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

उसने लड़की के बारे में कुछ भी पूछने की जरूरत नहीं समझी। लालची गंवार लोग राणा खानदान से रिश्ता जोड़ कर सोसायटी में अपनी हैसियत ऊंची करने का सपना देख रहे हैं। दोपहर साढ़े बारह बजे वो लोग पहुंचे तो कुलवीर चौधरी ने उनका वेलकम किया। लंबे चौड़े शानदार व्यक्तित्व के शख्स रौबदार चेहरा तराशी … Read more

“इश्क ” एक गुनाह (भाग-2) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

मानवेंद्र सिंह उसका जवाब जानते थे उन्होंने थके हुए स्वर में कहा। ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी उन्होंने गहरी सांस ली। तुम कल ही वापस लौट जाओ। दोबारा यहां कभी मत आना। उन्होंने मुंह फेर लिया। बाबा प्लीज ऐसा मत कीजिए उसने आगे बढ़ कर उन्हें गले से लगा लिया। वीर! शायद तुम नहीं जानते … Read more

“इश्क ” एक गुनाह (भाग-1) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

सुबह का वक्त हवेलियों के शहर बीकानेर में विशाल पुश्तैनी हवेली की छत पर खड़ा एक नौजवान उगते हुए सूरज को देख रहा है। तभी पीछे से आवाज आई   “हुक्म सा” उसने बिना पीछे मुड़े  कोल्ड वायस में कहा, कहो “फूलचंद” बड़े सरकार आपको बुला रहे हैं।  तुम चलो मैं आता हूं वो पीछे … Read more

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