इतना गुमान ठीक नहीं परिस्थितियों मौसम की तरह कब रंग बदल ले। – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

आकाश, आकाश जोर जोर से आवाज लगाने पर भी वो बस अंगड़ाई ले रहा था। उठ जाओ धूप पर्दे को चीरती हुई आंगन तक आ गई है। फिर वो बड़बड़ाने लगी ” पहले तो रात रात मोबाइल देखते रहेंगे फिर सुबह इन्हें उठाते रहो। सारे रात्रि चर प्राणी होते जा रहे है। किसी से बात … Read more

सच्चा दोस्त – खुशी : Moral Stories in Hindi

निखिल और विनय एक  छोटे से कस्बे में रहते थे और एक फैक्ट्री में मजदूरी करते।दोनो का ही सपना था कि वो बड़े आदमी बने पर क्या करे जितनी मेहनत करते कम ही थी।घर में दोनो की पत्नियां आरती और कविता थी और उनके दो दो बच्चे थे निखिल के बच्चो के नाम आदित्य और … Read more

इतना गुमान ठीक नहीं परिस्थितियों मौसम की तरह कब रंग बदल ले l – बिंदेश्वरी त्यागी : Moral Stories in Hindi

मेरा घर और मेरी जेठानी का घर दोनों थोड़ी ही दूरी पर थे आता है जब भी हम घर के कार्यों से फुर्सत में होते तो दो-चार दिन में कभी वह मेरे पास आ जाती और कभी मैं उनके घर चली जाती l हम दोनों बैठकर बातें करते l मैं तो सभी तरह की बातें … Read more

क्लासमेट – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

         कहते हैं, सूरत तो चार दिन की चाँदनी है परन्तु सीरत उम्र भर साथ रहती है।इस सत्य को जानते हुए भी कुछ लोगों को अपनी सुंदरता पर इतना गुमान होता है कि खुद को भगवान समझ लेने की भूल कर बैठते हैं।उन्हीं में से एक थी शालू…..।         शालू को बचपन से ही अपने रूप और … Read more

परिवर्तन – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    अरे,सुमन ये अपने फ्लैट में लाइट क्यों नही है?पूरी सोसाइटी में तो बिजली आ रही है।         वो हम समय से पहले रिचार्ज कराना भूल गये थे ना,इसलिये आज बैलेंस समाप्त हो जाने के कारण बिजली कट गयी है।आज रात अंधेरे में ही काटनी पड़ेगी,सुबह 9 बजे के बाद ही री कनेक्शन हो पायेगा।         क्या——अपनी बिजली … Read more

इतना गुमान ठीक नही .….. परिस्थितियां मौसम के तरह जाने कब रंग बदल ले – रंजीता पाण्डेय   : Moral Stories in Hindi

रीता जी (उम्र बयालीस साल)  और उनकी बेटी रिया  (सोलह साल) दोनो एक साथ रहती थी | रिया के पापा अमेरिका में  काम करते थे | दो , तीन साल में घर आते थे ,वो भी कुछ महीनो के लिए |   लेकिन वो हमेशा रीता जी को बोलते की रिया का अच्छे से ध्यान … Read more

गुमान – पुष्पा पाण्डेय  : Moral Stories in Hindi

“कुसुम! एक साल हो गया, क्या तुम्हें माँ से मिलने का मन नहीं कर रहा है? हाँ भाई अब मैं किस काम की रही, बूढ़ी जो हो गयी हूँ।” कुसुम अपनी माँ की उलाहना सुनकर बड़े प्यार से उसे समझाने की कोशिश करने लगी। “ ऐसी बात नहीं है माँ। जब से पैर का ऑपरेशन … Read more

टी- सेट – करुणा मालिक 

दीदी! आज शाम को आप और भइया इधर आ जाना चाय पर, उज्ज्वल को देखने लड़की वाले आ रहे हैं ।  अच्छा….. वे ही देहरादून वाले ? जो रिश्ता रागिनी ने बताया था? या कोई और?  हाँ दीदी, वहीं लोग हैं । अच्छा… एक बार इधर आकर नज़र तो डाल जाइए , नाश्ते में रखने … Read more

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