गृहलक्ष्मी – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

नेहा  और अजीत जुड़वा भाई-बहन थे । दोनो  एक ही स्कूल में साथ पढ़ते थे ।स्कूल सिर्फ दसवीं कक्षा तक था । आज ही रिजल्ट निकला था, अच्छे नम्बरों से पास हुई थी नेहा और उसका भाई अजीत बस किसी तरह पास हो गया था । अपने रईस दोस्तों को देखकर अजीत ने ज़िद ठानी … Read more

आत्मसम्मान – अयोध्याप्रसाद उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

सुबह और शाम, सुख और दुख, हर्ष और विषाद, करुणा और दया, ईर्ष्या और प्रेम मानव जीवन में पाये जाने वाले ऐसे भाव हैं जो चाहकर भी अलग नहीं किये जा सकते। इनके सहयोग से ही स्वाभिमान और अभिमान का अभ्युदय होता है जो किसी के व्यक्तित्व को निखारने और कुचलने का कारण बन जाता … Read more

आत्मसम्मान – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सरस्वती भगवान के सामने हाथ जोड़कर आँखों में आँसू भरकर विनती कर रही है कि हे भगवान मुझे आपने अपने पास बुलाना भूल गए हो क्या ? और कितने दिन मुझे यह सब सहना पड़ेगा । मैंने ऐसी कौनसी ग़लतियाँ की हैं जिसके कारण मेरे आत्मसम्मान को हमेशा ठेस पहुँचती रहती है । किस बात … Read more

स्वाभिमान – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  एक बात बोलूं राजीव,मैं चाहती हूं हम अपने घर मे अपने कस्बे में ही शिफ्ट कर ले।मेरा मन यहां नही लगता।मुन्ना के स्कूल की बस तो अब वहां भी आने लगी है,हमारा मुन्ना अब स्कूल बस से स्कूल आ सकता है।         अचानक शिवि के मुख से ये बात सुन राजीव हक्का बक्का रह गया।शिवि क्या … Read more

अनमोल – भगवती : Moral Stories in Hindi

अनिल घर लौटते समय सब्जी, फल और मां बाबूजी की दवाईयां लेते हुए आए थे। घर पहुंचे तो काफ़ी थके हुए थे। सुजाता ने उनको देखते ही उनके हाथ से सारे थैले ले लिए और जल्दी से उनके लिए पानी लाई। अपने आंचल से उनके माथे का पसीना पोंछते हुए बोली, “अभी राजीव आता तो … Read more

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