लफ्जो मे नही हकीकत मे बराबर कर दो ना – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” बहनजी हमे तो आपकी बेटी बहुत पसंद है बस लड़का लड़की दोनो आपस में बात कर लें फिर रिश्ता पक्का कर देते है आखिर जिंदगी तो इन्हे ही बितानी है साथ में !” लड़की देखने आई लड़के की मां स्मिता बोली। ” सही कहा बहनजी जाओ श्रीति ( लड़की) देवांश ( लड़का) को टैरेस … Read more

आत्मसम्मान – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

“माँ तुम्हारे खर्चे बढ़ते ही जा रहे है… कोई कंट्रोल नहीं है तुम्हारे खर्चे पर… तुम्हें ज़रा भी अंदाज़ा है कि.. कितनी मेहनत से हम पैसाकमाते है…तुम हो कि… हमने कोई धर्मशाला नहीं खोल रखी है जो…नित्य तुम्हारे रिश्तेदार मुँह उठाए चले आते है…अब पापा नहीं है.. ये घर अब मेरा है.. बेटे की बात … Read more

आत्मसम्मान की जीत – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

चंद्रकांत और विमला जी की दो बेटियां थी। बड़ी मालिनी और छोटी नलिनी। छोटी को सब प्यार से नीलू कहते थे। चंद्रकांत जी इतना कमा लेते थे कि आराम से घर चल जाता था। फालतू खर्च और अधिक सुख सुविधाएं नहीं थीं।  एक बार मालिनी को ऐसा बुखार आया कि जाते-जाते मालिनी को भी साथ … Read more

मृगतृष्णा – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

रामनाथ जी शादी करके अपनी धर्म पत्नी के साथ गांव में ही रहते आए हैं।जमीन -जायदाद असीमित थी उनके पास।बड़ी सी हवेली पुरखों की विरासत थी।घर‌ में नौकर -चाकर बहुत थे।रामनाथ जी का गांव में बहुत सम्मान‌ भी था।बस एक ही दुख था उन्हें कि उनकी कोई संतान‌ नहीं थी।पत्नी(प्रभा)ने कोई भी व्रत,उपवास ,पूजा बाकी … Read more

आत्मसम्मान – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

जलते दीए से निकलती ज्योति से आसपास का अंधेरा तो दूर हो जाता है! पर ये भी सच है चिराग तले अंधेरा! माता पिता ने नाम तो रौशनी रखा था! पर आजीवन दूसरे की जिंदगी रौशन करते खुद अपने नाम का अर्थ भूल गई! पर अपने #आत्मसम्मान #से कभी समझौता नही किया.. रौशनी के माता … Read more

कचरे का डिब्बा – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मां देख मैं क्या लाया हूं.. वीनू ने चहकते हुए कहा तो मुनिया बर्तन रगड़ते पलट कर देखने लगी क्या है री इत्ता चहक रहा है देखा तो वीनू के हाथ में एक अधखाया सेब फल था जो सड़ गया था।कहां से लाया किसका जूठा है .. मुनिया हाथ का काम छोड़ कर खड़ी हो … Read more

“मेरे आत्मसम्मान को यूं मत झकझोरो सासू मां ” – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

नीतू बाथरूम से नहा कर निकली तो लाइट बन्द करना भूल गई, वह पूजा कर रही थी तभी उसकी सास कमलाजी ने बड़बड़ाना शुरू किया कि “बत्ती ऐसे जलाकर छोड़ देती है जैसे बिजली मुफ्त में आती है, बिल भरना पड़े तो पता चले”| नीतू मायूस होकर सुनती रही, पूजा करते हुए उसकी ऑंखें भर … Read more

लांछन – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

माँ कहां चली गई तू …. कहां चली गई माँ… बहुत अकेली हो गई हूं माँ…. आज सरला अपने आंसू रोक नहीं पा रही थी , कहते हैं ना उम्र कितनी भी क्यों ना हो जब कहीं कोई नहीं दिखाई देता तो एक माँ ही होती है जो हर वक्त सामने होती है …! और … Read more

सिर्फ.. काम.. काम.. काम.. – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

बहू.. तुम्हारी जचकी हुए पूरे 10 दिन हो गए अब  आराम वाराम छोड़ो और कुछ काम धाम करो, ऐसे दिनभरी बैठी या सोती रहोगी  तो शरीर खराब हो जाएगा, इस समय घर के काम करने से शरीर सही रहता है नहीं तो बाद में तुम्हें ही भुगतना पड़ेगा! और वैसे भी तुम्हारा कोई ऑपरेशन से … Read more

आत्मसम्मान – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

रवि के पिता जी और छवि के पिता  जी साथ काम करते थे। रवि के पिता जी की अचानक मौत हो गई। छवि के पिता जी की मदद से रवि की नौकरी और उनकी माता जी की पेंशन लग गई। अब दोनों परिवारों में गहरे विश्वास का रिश्ता स्थापित हो गया।              एक शाम रवि छवि … Read more

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