इंतजार – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

घाट में भारी भीड़ में तुम्हारी मांग में भरा सिंदूर दूर से दमक रहा था। छट पूजा की शाम का इंतज़ार हर साल रहता है। तुम हर साल इन दिनों घर आती हो।  तुम्हारी तस्वीरें देखता रहता हूँ सोशल मीडिया में अक़्सर। वहां मैं तुम्हारा मित्र तो नहीं हूं मैं, वहां क्या अब तो मैं … Read more

आत्मसम्मान… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

एक लंबे चौड़े घर के अलावा कोई भी जायदाद अपने पीछे छोड़कर नहीं गए थे दीनानाथ जी… भरा पूरा परिवार था… तीन बेटे, तीन बहुएं, पांच पोते पोतियां… सबको हंसता खेलता छोड़ खुशी-खुशी…धर्म पत्नी रमा जी के गुजरने के 6 महीने के भीतर ही दीनानाथ जी भी चल बसे…  तीन बेटे बहू के संयुक्त परिवार … Read more

आत्मसम्मान का स्वाद – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    ” नंदा..ज़रा मेरी साड़ी तो प्रेस कर दे..।” छोटी भाभी के आदेश पर नंदा उनके कमरे की तरफ़ दौड़ी तभी ,” नंदा.. ,मोनू को लंचबाॅक्स दे आ।” बड़ी भाभी की आवाज़ पर नंदा किचन की तरफ़ दौड़ी।प्रतिदिन उसके दिन की शुरुआत ऐसे ही दोनों भाभियों के आदेशों से ही होती थी।कुछ सालों पहले तक तो … Read more

निर्णय – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

इस लँगड़े की वजह से घर टूटता जा रहा है….. घर चाचाजी की वजह से नहीं…… तुम्हारे स्वभाव के कारण टूटेगा…शायद तुम भूल रहे हो कि घर मेरे चाचा जी का है । पता नहीं अपाहिज कब तक हमारे सिर पर बैठा रहेगा …. बिना मतलब की ज़िम्मेदारी पल्ले पड़ गई । ख़बरदार माधव , … Read more

आत्मसम्मान – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“आज शाम को जरा ढंग से तैयार हो जाना बड़ी बुआ आऐंगी लड़के वालों को लेकर” मां मीना ने फरमान सुनाया! सुनकर सांवरी का चेहरा गुस्से से तमतमा उठा!फिर वही नुमाईश फिर वही आवभगत,लडके की मां-बहन की एक्सरे के समान चीरती नज़रें,उनके व्यंग्य बाण”चेहरे का फेशियल वगैरह करवाया करो,उबटन लगाया करो थोड़ा-बहुत रंग निखरेगा” और … Read more

मेरा आत्मसम्मान मुझे प्यारा है। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मधु, कहां हो ??? मेरी शर्ट नहीं मिल रही है, कब से चिल्ला रहा हूं, तुम्हें कुछ समझ नहीं आता है क्या?? रोहित गुस्से से बड़बड़ाता हुआ, कमरे से बाहर आया और अंदर चला गया। ड्राइंग रूम में बैठे मधु के सास- ससुर चाय पी रहे थे, ससुर जी के चेहरे पर कुटिल मुस्कान छा … Read more

पाप का घड़ा – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

रघु एक छोटी फर्म में लेखाकार  का काम करता था। वह बहुत ही मन लगाकर ईमानदारी से अपने काम को अंजम देता था। काम चोरी, हेराफेरी से उसे सख्त नफरत थी । फर्म मालिक सेठ गोवर्धनदास जी उसके काम  से बहुत प्रसन्न थे। वह स्वाभिमानी एवं मेहनती लड़का था। उसे किसी की टोका टाकी अपने … Read more

आत्मसम्मान – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

आसमान में सुबह से सूरज बादलों की ओट लेकर आँख-मिचौनी खेल रहा था।कभी बादलों की ओट में बिल्कुल छुप जाता है,कभी अचानक से बादलों की ओट से निकलकर सारी पृथ्वी को अपनी स्वर्णिम किरणों से नहला देता है।मैं(नमिता),मेरी जिन्दगी में भी इसी तरह धूप-छाँव होते रहें।उम्र के 45वें वसंत में भी मैं खुद से सवाल … Read more

आत्मसम्मान – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

जैसे जैसे रामदीन काका का गांव , पास आता जारहा था सेठ गिरिधर दास जी केदिल की धड़कन तेज होती जारही थी और ऐसी की कार में बैठे हुए भी उनको पसीना आरहा था।यह सोच सोच कर उनको शर्मिन्दगी महसूस हो रही थी कि किस तरह बेइज्जत करके उन्होंने अपनी बहू नमिता केकहने पर रामदीन … Read more

*आत्मसम्मान का पाठ* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

शील कुमार कमरे में बैठे अखबार पढ़ रहै थे। उनके कान में अपनी पत्नी वीणा और बेटी राधा की आवाजे जोर जोर से आ रही थी। उनका ध्यान पेपर से हटकर उन दोनों की बातों की तरफ मुड़ गया। राधा की बातें सुनकर ऐसा लगा जैसे उनके दिल की आवाज को हूबहू वो अपनी माँ … Read more

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