कायरता –  बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कोंडेलिम बीच गोवा पर बैठा सागर सामने समुन्द्र से तेजी से आती लहर को देख रहा था।एक झंझवात उसके मन मस्तिष्क  चल रहा था।लहर समुन्द्र से आ रही थी और समुन्द्र उसे फिर अपने मे बार बार समेट रहा था।पर ये सागर तो अपनी उर्मी को यूं ही छोड़ आया … Read more

क्रोध में आपा खोया। जब मैं आत्मग्लानि से भर उठी। : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : दिल्ली से अपनी बेटी और पिता जी के साथ मैं अपने घर वापस आई। करोना काल में फंसने के कारण हम कई महीनों बाद लौट रहे थे। मैंने अपने किरायेदार को फोन कर बता दिया था कि हम अमुक तारीख को सुबह पहुंच जाएंगे।  किरायेदार का परिवार वहीं पास के … Read more

फिज़ूलखर्ची – अंजना ठाकुर  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बहू जरा अमित से कहना मेरा चश्मा बनवा लाएगा कल गलती से  गिर गया तो उसका कांच टूट गया  किशोर जी बहू से डरते डरते बोले माधवी सुनकर जोर से बोली क्या बाबूजी आप ध्यान रखा करो पैसे कितनी मेहनत से आते है और आपको फिजूलखर्ची की पड़ी रहती है … Read more

आत्मग्लानी – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अरे सुषमा बहन… कल मेरे बबलू का जन्मदिन है, करण को भेज देना.. 7:00 बजे.. वह क्या है ना सबका जन्मदिन मनता देख उसे भी अपना जन्मदिन मनाना है, पर आपको तो पता ही है हमारी माली हालत..? इसलिए सोचा बस उसके खास दोस्तों को बुलाकर केक कटवा देंगे, तो … Read more

समझदारी – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  भुवन जी सरकारी नौकरी से आज सेवानिवृति पा रहे थे…। जो पैसा सेवानिवृति मे मिला था उसे बेटे अमन ने बैंक मे जमा करने बोल दिया। भुवन जी और उनकी पत्नी का बहुत मन था एक दावत करे भले छोटी सी और बेटी – जमाई नाती- पोतों को उपहार दे … Read more

न पैसा न दौलत बस प्यार चाहिए – सरोज माहेश्वरी: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :   कॉलेज का आखिरी दिन सभी दोस्त भविष्य मे मिलतें रहते का वायदा कर एक दूसरे से विदा ले रहे थे….दूर एक बेंच पर एक जोड़ा एक दूसरे को हाथ का हाथ थामे भविष्य के सुनहरे सपने देख रहा था… विशाल! मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती तुम्हें जल्दी ही … Read more

सिम्बा – शुभ्रा बैनर्जी: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज बेटे ने रेस्ट ले लिया था।कल सिंबा की तबीयत ठीक नहीं थी। बार-बार डॉक्टर से फोन पर दवाई पूछ -पूछकर खरीद कर ला रहा था बेटा।रात में ही बोल दिया”मम्मी!कल मैं रेस्ट ले लेता हूं।सिम्बा के साथ रहूंगा और खेलूंगा।सुबह विद्यालय जाते समय जब शुभा ने सिम्बा को देखा … Read more

बहु जब लड झगड़कर अपने मायके पहुंची तब उसे हुआ आत्मग्लानि का एहसास !! (भाग 3 ) – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

 Moral Stories in Hindi : दरवाजे पर खड़ी आभा सास ससुर की यह सारी बातें सुन लेती है और अपने कमरे में आकर राज से कहती हैं कि हमारा इस बार का नाटक भी मुझे फेल होता नजर आ रहा हैं राज !! राज बोला क्यूं क्या हुआ आभा ?? इतने सब के बाद तो … Read more

बहु जब लड झगड़कर अपने मायके पहुंची तब उसे हुआ आत्मग्लानि का एहसास !! (भाग 2 ) – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

 Moral Stories in Hindi : खत पढ़ते पढ़ते मगनलाल जी को लगा जैसे उनके पीछे कोई खडा हैं उन्होने पीछे देखा तो चंदाजी खड़ी थी !! वे बोली क्या पढ़ रहे हैं जी ?? मगनलाल जी बोले तुम्हारी बड़ी बहू मायके जाने से पहले या खत लिखकर छोड़ गई है बस वही पढ़ रहा हूं … Read more

क्या कोई इतना त्याग कर सकता है – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज बहुत दिनों बाद घर में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी थी…. सालों से माँ बनने के सपना देखती कृति आख़िर आज माँ जो बन गई थी… सास सुभद्रा जी के ताने भी शायद अब ख़त्म हो जाएँ पर क्या सच में कृति माँ बनी थी…. आइए आगे पढ़ते है… … Read more

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