पश्चाताप या आत्मग्लानि : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : टीशा जैसे ही कॉलेज से आई, उसने देखा ड्राइंग रूम में कुछ गेस्ट बैठे हुए है। वह नमस्ते करके अंदर घर में दाखिल हुई और सबसे प्रश्न सूचक निगाहों से पूछने का प्रयास करती है कि कौन लोग हैं? उसकी चाची मंद-मंद मुस्कुरा कर कहती है, “बेटा अब कॉलेज-वालेज छोड़ो … Read more

मुझे बहुत आत्मग्लानि महसूस होती है – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

 “दीदी, मुझे दो महीने काम के पहले पैसे दे दो, मुझे बेटी के स्कूल की फीस भरनी है, मै बाकी के  महीने आराम से पगार ले लूंगी।”  मेरी कामवाली ने कहा तो मैं  सोचने लगी अभी तो नई-नई आई है, दस दिन भी नहीं हुए हैं और पूरे दो महीने की पगार पहले से मांगने … Read more

अन्त:करण की पीड़ा – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ‘साहब आपने जो काम दिया था, वह मैंने पूरा कर दिया।’ रामलाल ने आकर चेतन कुमार से कहा।’तो वे उठकर बैठ गए।आज रविवार था और कोर्ट की छुट्टी थी, अत: वे उठने के बाद फिर आराम कुर्सी पर कुछ आराम करने के लिए लेट गए थे। उन्होंने उत्सुकता से रामलाल … Read more

आत्मग्लानि (अंतिम भाग) – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बेटा , बस यही वजह थी कि वह घर के कामों से बचने के लिए मुझे भी कहीं आने जाने नहीं देना चाहती थी , मैं जिसे उसका प्यार समझती थी वह उसका स्वार्थी पना था बस ओर कुछ नहीं , मुझे बड़ी देर से सब समझ में आया !! … Read more

आत्मग्लानि (भाग 3) – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : एक दिन कावेरी जी फोन पर स्वरा से बोली कि कैसे वह घर के सारे काम काज संभाल लेती हैं और बहु नेहा नौकरी पर जाती हैं !! नेहा मुझसे बहुत प्यार करती हैं बेटा और कहती हैं सासु मां आप इस उम्र में भी कितनी एक्टिव हैं और इतना … Read more

आत्मग्लानि (भाग 2) – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : स्वरा की सासू मां गायत्री जी बोली कि उन्हें स्वरा के नौकरी करने से कोई आपत्ति नहीं बस फिर क्या था स्वरा और राहुल का रिश्ता तय हो गया , शादी के बाद पंद्रह दिन तो घूमने फिरने और रिश्तेदारों के यहां आने जाने में निकल गए इसलिए स्वरा के … Read more

आत्मग्लानि (भाग 1) – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : पापा नितिन के घरवाले नहीं चाहते कि मैं शादी के बाद नौकरी करूं और अगर नौकरी करूं भी तो घर के सारे काम मुझे ही करने होंगे ऐसा नितिन का कहना हैं इसलिए मैं नितिन से शादी नहीं करना चाहती स्वरा अपने पापा गिरधारी जी से बोली !! गिरधारी जी … Read more

आंगन की दीवार : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  “देखिए शांति जी, मैं प्यार से समझ रही हूं सीधी तरह मान जाइए, वरना गुस्सा मुझे भी आता है।”कस्तूरी ने बड़ी मुश्किल से अपनी आवाज को कड़क करते हुए अपनी साथ वाली पड़ोसन शांति से कहा।   दरअसल शांति अपने नाम के बिल्कुल विपरीत थी। हर किसी से ऊंचा बोलना, अपना … Read more

ताउम्र ग्लानि रही : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  ” साहब…आज गरीबों में कपड़े और खाना-दवाइयाँ बँटवानी है।” बहादुर ने अपने मालिक से कहा।   ” हाँ बहादुर, याद है…हाॅल में रखे सभी सामानों को तुम गाड़ी में भरो..मैं अभी आता हूँ।” कहकर अविनाश ने बीस-पचास के नोटों का बंडल अपने पर्स में रखे, गर्म शाॅल अपने कंधे पर डाली … Read more

तुम्हारे लिए …!! –  लतीका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बधाई हो विष्णु आज तेरी वर्षों की तपस्या त्याग और मेहनत  सफल हो ही गई शिवदयाल ने विष्णुप्रताप को गले लगाते हुए जोर से बधाई दी तो बेटा भड़क उठा हुंह..!पापा की कौन सी त्याग तपस्या मेहनत अंकल!!इन्होंने आज तक किया ही क्या है मेरे लिए ये सब मेरी मेहनत … Read more

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